🌸 “देहरादून पुलिस बनी शिवभक्तों की सेवा टोली – फूलों से स्वागत, भंडारों से सत्कार!”
🚨 प्रेमनगर और धुलकोट में पुलिस ने निभाई ‘रक्षक नहीं, सेवक’ की भूमिका
“जहां श्रद्धा है… वहां सेवा में जुटी पुलिस!”
20 जुलाई 2025, कांवड़ यात्रा अपने शबाब पर है।
शिवभक्तों के जयकारों से गूंजते प्रेमनगर और धुलकोट की फिज़ाओं में आज एक और विशेष स्वर गूंजा —
पुलिस की ‘प्रणाम भाव’ से की गई सेवा!
SSP देहरादून के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक नगर ने खुद कमान संभाली और कांवड़ियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया।
यह कोई औपचारिकता नहीं थी — यह भाव था, यह भक्ति थी।
“पुलिस बनी मेज़बान – फल, भोजन, मिठाई से भरे थाल!”
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार से आए कांवड़ियों के चेहरों पर थकान थी, लेकिन पुलिस द्वारा मिले फल, मिष्ठान, शीतल जल और मुस्कान ने सब कुछ धो डाला।
💬 “पुलिस वालों से ऐसे स्वागत की उम्मीद नहीं थी… ये तो भगवान की सेवा है!” – एक कांवड़ यात्री

भंडारे दिन-रात, विश्राम की भी खास व्यवस्था!
सिर्फ स्वागत नहीं, देहरादून पुलिस ने श्रद्धालुओं के रात्रि विश्राम, भोजन, और शौचालय जैसी मूलभूत ज़रूरतों का भी ध्यान रखा।
लगातार भंडारे चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी शिवभक्त भूखा ना रहे।
“ड्यूटी नहीं, तपस्या कर रही है पुलिस”
पुलिस अधीक्षक नगर ने प्रेमनगर और धुलकोट में तैनात पुलिसकर्मियों से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया।
💬 “आप न केवल कानून के प्रहरी हैं, बल्कि आज श्रद्धालुओं के पथ-प्रदर्शक भी हैं।”
हर कर्मी को यह निर्देश दिया गया कि त्रुटि-रहित सुरक्षा और मानवीय सेवा दोनों साथ निभानी हैं।

हर मोड़ पर पुलिस, हर दिल में विश्वास!
कांवड़ मार्ग का लगातार निरीक्षण, हर चौराहे पर सतर्क निगाह, और हर श्रद्धालु के लिए सहायता का हाथ — देहरादून पुलिस का यह रूप लोगों के दिलों में उतर गया है।
अंत में – एक सवाल, एक संदेश
🕉️ “अगर पुलिस सेवा का रूप बन जाए, तो हर यात्रा सचमुच तीर्थ बन जाती है।”
Meru Raibar News आपको याद दिलाता है —
कांवड़ यात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं, एक आस्था है। और जब सुरक्षा में समर्पण जुड़ जाए, तो यह आस्था अमर हो जाती है।
📢 जय भोलेनाथ! और सलाम उन पुलिस कर्मियों को जो आज ‘कवच’ नहीं, ‘कांवड़’ बनकर सेवा में लगे हैं!
