पृथक जिले की मांग को लेकर 46वे दिन पुरोला में निकाला झलूस।
सरकार ने नही ली कोई सुध।
जनपद की घोषणा तक आमरण अनसन हुआ सुरु।
गिरीश गैरोला।
पूर्व की बीजेपी सरकार की उत्तरकाशी से पृथक यमनोत्री जिला बनाने की घोषणा पर लंबे समय तक चुप्पी के बाद एक जुलाई से तहसील पुरोला में रवाई घाटी जिला बनाओ समिति द्वारा फिर से धरना प्रदर्षन जारी है। धरने के 46 वे दिन पुरोला मुख्य बाजार में झलूस निकालने के बाद संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश डबराल, आमरण अनसन पर बैठ गए है, जबकि गजेंद्र सिंह चौहान, धर्म लाल दौरियाल, और एलम सिंह अन्य लोगों ने सहयोग के लिए क्रमिक अनसन सुरु कर दिया है।मोरी पर्वत इलाके से , आराकोट , बंगाण और सरबड़ियार दूर दराज से आये ग्रामीणों ने समिति के बैनर तले रवाई जनपद निर्माण, के साथ सीएचसी पुरोला में अल्ट्रा साउंड मशीन और किसानों की ऋण माफी को लेकर झलूस प्रदर्शन किया।
समिति के अध्यक्ष प्रकाश डबराल धरने पर 46 दिन बाद भी किसी सरकारी प्रतिनिधि के न आने पर नाराजगी जताते हुए पृथक रवाई जिले की घोषणा तक भूख हड़ताल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मोरी, पुरोला और नौगांव ब्लॉक का केंद्र पुरोला में पड़ता है लिहाजा 1960 से ही पुरोला को जिला बनाने की मांग उठती रही है। किंतु सरकार सुनने को राजी नही है।
नाव क्रांति संगठन के प्रदेश संरक्षक गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वर्षो से पुरोला स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रा साउंड, पैथोलॉजी लैब आदि की मांग कर रहे है। इन सब सुविधाओ के बगैर अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है जहाँ पर महज जुखाम बुखार का ही इलाज फिलहाल संभव हो पाता है जिसके कारण लोगो को राजधानी देहरादून जाना पड़ता है जिसमे पर्याप्त खर्च आ जाता है।
समाज सेवी रेखा नौटियाल ने बताया कि जिला बनाओ समिति की रिपोर्ट में पुरोला को ही जिला मुख्यालय के लिये उपयुक्त बताया गया था और अभी भी ज्यादा विभाग पुरोला में ही मौजूद है । इसका कारण ये है कि यहाँ जिले के निर्माण के लिए पर्याप्त स्थान मौजूद है। दूरदराज इलाको मोरी सरबड़ियार और पर्वत से जिला मुख्यालय आने वालों को एक रात पुरोला में ही विश्राम करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से भी पुरोला ही केंद्र में है। शर्दियों में राड़ी टॉप बंद होने के बाद उत्तरकाशी मुख्यालय दूर और राजधानी देहरादून पास महसूस होता है। उन्होंने आगे बताया कि पुरोला से 50 किमी दूर हनोल हिमाचल में है तो 85 किमी दूर त्यूणी देहरादून में आता है जबकि बाद का पुन्द्राणी गाँव हिमाचल में और फिर आराकोट उत्तरकाशी जिले में आता है।
गौरतलब है कि बडकोट को जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर सुरु हुआ धरना विधायक यमनोत्री केदार सिंह रावत के अस्वासन पर उठा लिया गया था, किन्तु पुरोला
में चल रहे धरने पर सरकारी चुप्पी से लोगो मे नाराजगी है।
अब सरकार के सामने जिला बनाने से पूर्व जिला मुख्यालय तय करने का यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है।