आरोग्य मेले के दूसरे दिन आयोजित हुए आयुर्वेद और आयुष पर सेमिनार

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दर्द रहित दन्त निष्कासन वैध के पास 16 से अधिक मरीजों का हुआ मुफ्त इलाज-नाड़ी परीक्षण में 30 से अधिक लोगो ने अपना परीक्षण करवाया -आयुर्वदिक न्यूरो थेरेपी में अधिक लोगों ने निशुल्क परामर्श लिया।

गिरीश गैरोला


देहरादून। आरोग्य मेले के दूसरे दिन आज सुबह वैद्य तपन कुमार आयुर्वेदा में कैंसर स्पेशिलिस्ट द्वारा एक कार्यशाला आयोजित की गयी ।जिसमे की उन्होंने आयुर्वेदा से कैंसर का ईलाज कैसे किया जाता है इस पर व्याख्यान दिया । डॉक्टर मनोज शर्मा ने आयुर्वेदा से न्यूरो थरपी कैसे की जाती है इस बारे में अपने कार्यशाला में बताया । एम् बी बीएस डॉक्टर रोहित साने ने दर्शको को बताया की आयुर्वेदा का दिल की बिमारियों में किस तरह से आजकल ईलाज चल रहा है। डॉक्टर निकम ने होम्योपैथी के ऊपर अपना व्याख्यान दिया। आज मेले में बहुत से लोगो द्वारा विभिन्न स्टाल्स और आयुर्वेदा की प्रदर्शनियों को देखा और आयुर्वेदा और होम्योपैथी की चिकित्सा पद्धतियों के बारे जाना दर्शको द्वारा विभिन्न स्टॉलों और प्रदर्शनी में खरीदारी भी की गयी ।

दर्द रहित दन्त निष्कासन वैध के पास 16 से अधिक मरीजों का हुआ मुफ्त इलाज, नाड़ी परिक्षण में 30 से अधिक लोगो ने अपना परिक्षण करवाया, आयुर्वदिक न्यूरो थरपी में 50 से अधिक लोगो ने अपना निशुल्क परामर्श लिया। कल से उत्तराखंड योग की ब्रांड एम्बेसडर दिलराज प्रीत कौर का भी अपने सहयोगियों के साथ शाम के 5 बजे से योग कार्यशाला आयोजित करवाई जाएगी। इस मेले का आयोजन पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, आयुर्वेदिक और यूनानी सेवा निदेशालय उत्तराखण्ड सरकार, आयुष मंत्रालय भारत सरकार तथा आयुष मंत्रालय उत्तराखण्ड सरकार के तत्वावधान में किया जा रहा है।

इस मेले में लोगों की जागरूकता और विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं के अनुभव के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है । मेले के कुछ विशेष आकर्षण स्वास्थ्य व्याख्यान, लाइव योग प्रदर्शन, प्रसिद्ध योग गुरुओं द्वारा निशुल्क  परामर्श, होम्योपैथी डॉक्टरों द्वारा निशुल्क परामर्श सत्र, नाड़ी परीक्षण के लिए निःशुल्क जाँच और परामर्श का आयोजन किया जा रहा है। नवीनतम तकनीकी से पंच-कर्म प्राकृती परीक्षण तथा रसोई फार्मेसी और घर पर बने सौंदर्य प्रसाधन पर गृहिणियों के लिए विशेष कार्यशालाएं भी आयोजित करवाई जा रही है।

इस अवसर बोलते हुए डॉ० डी० के० अग्रवाल अध्यक्ष पीएचडी चैंबर ने बताया इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के प्राचीन और पारंपरिक स्वास्थ्य और कल्याण प्रणालियों पर ध्यान देने के साथ आयुष आयुर्वेद योग यूनानी सिद्ध और होम्योपैथी को हिमालय की गोद में बसे राज्य में बढ़ावा देना है। औषधीय पौधों को उगाना किसानों के लिए कहीं अधिक फायदेमंद  होगा क्योंकि उपज को एमएसपी पर नियमित मंडियों में नहीं जाना पड़ेगा या बिचैलियों के कारण कम दरों के खतरे का सामना करना पड़ेगा। औषधीय पौधों पर प्राप्त बेहतर मूल्य किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा और किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधान मंत्री के सपने को पूरा करने में मदद करेगा। 

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