अस्पताल शिफ्टिंग का विरोध

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अस्पताल की शिफ्टिंग का  विरोध।

पांच गाँव के ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ किया विरोध।

गिरीश गैरोला 
उत्तरकाशी के गाजणा पट्टी में स्वास्थ्य सुविधा देने वाले एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धौंत्री को अपने मूल स्थान से शिफ्ट कर वन विभाग के लीसा डिपो में शिफ्ट करने का विरोध सुरु हो गया है।
बड़ी तादाद में ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ धौंत्री  कस्बे में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर उप तहसील में पहुच कर मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन प्रेषित किया।
इलाके के युवा भगवान सिंह चौहान और सुनील नौटियाल ने बताया कि भेटियारा , लुदाडा, सौड़, दिखोली, चौंडियाट गाँव के महिला पुरुषो एक झलूस कि शक्ल में उप तहसील में अपना विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के चलते अस्पताल को लीसा डिपो में शिफ्ट करना चाहते है उन्होंने अस्पताल की सड़क से दूरी का बहाना कर  बीमारों की संख्या का आंकड़ा कम होना बताया है, जबकि मरीजो का आंकड़ा अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं की कमी के चलते है।
ग्रामीणों की माने तो उक्त स्थान पर कास्तकारों द्वारा स्वास्थ्य सुविधा के लिए निशुल्क भूमि दान दी गयी थी। जहाँ अस्पताल के अतिरिक्त फार्मशिस्ट आवास, कक्ष सेवक आवास, मातृ शिशु कल्याण केंद्र, और मोर्चरी आदि भी बनी है और उक्त अस्पताल विगत 60 वर्षों से संचालित है।
उन्होंने दलील दी कि वन विभाग का लीसा डिपो में 6 महीने मौसम बेहद ठंडा रहता है औए इसी आधार पर इसका चयन लीसा डिपो के लिए किया गया था। इसके अलावा अस्पताल के अतिरिक्त वन विभाग को किसी भी दसा में अपनी भूमि नही देने का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया था।
ग्रामीणों ने चेतवानी दी कि उनकी मांगों पर अमल नही हुआ तो मजबूरन उन्हें आंदोलन सुरु करना होगा।
इधर सीएमओ विनोद नौटियाल ने कहा कि अस्पताल तक सड़क पहुँच मार्ग है इसके अलावा शिफ्ट करने कज स्थिति में लीसा डिपो में अस्पताल के वर्तमान स्ट्रक्चर के लिए ही पर्याप्त नही है ऐसे में यदि अस्पताल का विस्तार हुआ तो जमीन की ऑड अधिक जरूरत पड़ेगी। इसके  अलावा जिला प्रशासन को उनके द्वारा अपनी राय से अवगत कराया जा चुका है।
इस संदर्भ में गंगोत्री विधायक गोपाल रावत की राय के लिए  संपर्क नही हो सका।
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