सनातन संस्कृति और देशभक्ति के रंग में रंगी श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की पेशवाई

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हरिद्वार। हरिद्वार में सनातन संस्कृति और देशभक्ति के रंग में रंगी श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की पेशवाई धूमधाम से शहर में निकली तो लोग देखते ही रह गए। भारत माता की प्रतिमा और 108 फुट लंबे राष्ट्रीय ध्वज के साथ पंजाब से आई भंगड़ा पार्टी ने पेशवाई में चार चांद लगा दिए। करीब चार किमी लंबी पेशवाई में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की छाप भी दिखी। संतों के दर्शन के लिए जगह-जगह लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पेशवाई के दौरान तीन हेलीकॉप्टर संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा करते रहे।
रविवार को पेशवाई दूधाधारी चैक भूपतवाला से शुरू हुई। इसके बाद हरकी पैड़ी, मुख्य बाजार, अपर रोड, वाल्मीकि चैक, शिवमूर्ति, तुलसी चैक, शंकराचार्य चैक, महात्मा गांधी रोड, बंगाली मोड़, कनखल चैक बाजार होते हुए राजघाट स्थित अखाड़े की छावनी पहुंचकर संपन्न हुई। सबसे आगे भगवान गणेश की मूर्ति, उदासीन संप्रदाय के संस्थापक श्रीचंद्र भगवान और अखाड़े के संस्थापक श्रीमहंत प्रीतम दास के विग्रह थे। इसके बाद रथ पर अखाड़े के पीठाधीश्वर श्रीमहंत महेश्वर दास विराजमान थे। उनके पीछे हाथी-घोड़ों और ऊंटों के साथ ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लगाए गए सोने एवं चांदी के सिंहासनों पर महामंडलेश्वर विराजमान थे। रास्ते में जगह-जगह खड़े होकर श्रद्धालु पेशवाई का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही पेशवाई उनके क्षेत्र में पहुंची, लोगों ने पुष्पवर्षा कर संतों का आशीर्वाद लिया। महंत महेश्वर दास ने बताया कि पेशवाई में देश-विदेश से उदासीन संप्रदाय के संत, महात्मा, महामंडलेश्वर, तपस्वी और श्रद्धालु शामिल हुए। अखाड़े की पेशवाई भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रीय एकता-अखंडता का प्रतीक है। अखाड़े की स्थापना महंत प्रीतम दास ने की थी और उदासीन संप्रदाय की स्थापना गुरु नानक देव जी के बेटे भगवान चंद्राचार्य महाराज ने की थी।
पेशवाई के दौरान मेला अधिकारी दीपक रावत, कुंभ आईजी संजय गुंज्याल, डीएम सी रविशंकर, एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, एसएसपी कुंभ जन्मेजय खंडूरी, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, एसपी कुंभ सुरजीत पंवार, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि, उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी, महंत रघु मुनि, महंत दुर्गा दास, महंत अद्वैतानंद, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महामंडलेश्वर कपिल मुनि,  महंत कमल दास, महंत दर्शन दास, महंत निरंजन दास, महंत प्रेमदास, महेंद्र जयेंद्र मुनि, महंत निर्मल दास, महंत ब्रह्म मुनि, महंत दुर्वेश दास, महंत बलराम दास, महंत मुरली दास, निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री, बाबा हठयोगी, भूपेंद्र कुमार शामिल हुए।

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