हरिद्वार। दस वर्ष पूर्व इमरान से ईश्वर भारती बने साधु की एक सिम कार्ड ने पोल खोल दी। जिसके बाद उसके गुरु को हरिद्वार से बुलाकर उसकी पहचान करायी गई, जिसके बाद पुलिस द्वारा उसे छोड़ दिया गया है।
जानकारी के अनुसार गत देर शाम हरिद्वार से यमुनोत्री जाते समय नैनबाग में चैहान कम्युनिकेशन की दुकान से एक साधु सिम लेने पहुंचा। जहां पर दुकानदार ने सिम कार्ड के लिए साधु से उसकी आईडी मांगी। आइडी नहीं देने पर फिंगर फ्रिट के माध्यम से साधु का नाम इमरान पुत्र इफरान निवासी खेडी सुर्द थाना लक्सर जिला हरिद्वार पाया गया। जिस पर हो हल्ला मच गया और व्यापारियों ने इस मामले की सूचना पुलिस को दे दी। जिसके बाद साधु को नैनवाग चैकी ले जाया गया। जहां पुलिस पूछताछ में साधु ने बताया कि उसने अपने गुरु मंहत सच्चिदानंद सरस्वती जूना अखाड़ा हरिद्वार से संन्यास की दीक्षा ली हुई है। जबकि 10 साल पहले साधु इमरान ड्राईवर था।
इस पर पुलिस ने जूना अखाडा हरिद्वार से संपर्क कर उसके गुरु को नैनबाग चैकी बुलाया। पूरी जानकारी हासिल होने के बाद इमरान के परिजनों से संपर्क कर उसे घर ले जाने को कहा, लेकिन परिजनों ने इमरान को ले जाने से साफ इंकार करते हुए उससे किसी भी प्रकार का रिश्ता न रहने की बात कही।
जिसके बाद हरिद्वार से महंत सच्चिदानंद सरस्वती नैनवाग पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्होंने ही इमरान को सन्यास दीक्षा दी है और उसका नाम इमरान से बदल कर ईश्वर भारती रखा है। वह विगत 10 सालों से साधु है। पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि वह 10 सालों से साधु बना हुआ है। साधु ईश्वर भारती को उनके अपने गुरु के साथ भेज दिया गया है।