सोलर लाइट की खरीद में घपले की महक

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सूर्य से लुका छिपी का खेल।

तपती दोपहरी में सूर्य को दीपक दिखानें का प्रयास?
सीडीओ ने दिया जांच के बाद कार्यवाही का भरोसा
गिरीश गैरोला।
उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में सोलर लाइट से उजाला करने के खेल में फिर से झोल का अंदेशा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 13 हजार की सोलर लाइट पंचायत के बजट से  24 हजार में खरीद दिखा कर बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है।
मीडिया में बात खुलने के बाद सीडीओ ने मामले की जांच के बाद प्रभावी कार्यवाही का भरोसा जताया है।
पुरनी कहावत है कि दायीं से पेट नही छुपाना चाहिए किन्तु पंचायत विभाग में छुपा -छुपी का खेल प्रधान से लेकर मंत्रालय तक पहले भी सुर्खिया बटोर चुका है । पंचायती राज मंत्री और प्रधानों के बीच तलवारे भी म्यान से बाहर निकली पर एक तरफा युद्ध विराम का शंखनाद होते ही तलवारे फिर वापस म्यान में लौट गई हालांकि भारत पाक सीमा विवाद की तरह दोनो तरफ़ से कड़वाहट में कोई कमी आजतक नही आई ।

ताजा प्रकरण में एक बार फिर प्रधानों और पंचायती राज विभाग में रणभेरी बज सकती है।

मामला ग्राम पंचायत के 14 वे वित्त के फण्ड से गाँव को सोलर लाइट से प्रकाशित करने का है जिसमे शिकायत सामने आने पर पंचायत विभाग बजट खर्च करने पर रोक लगा सकता है।
उत्तरकाशी जिले के संगम चट्टी इलाके के गजोली गाँव के कमलेश्वर खंडूरी और ढासडा गाँव के वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके गांव में ग्राम पंचायत द्वारा करीब 30  सोलर लाइट गाँव मे लगाई जा रही है किंतु एक लाइट की कीमत 24 हजार रु बताई जा रही है। जब इन्होंने उरेडा विभाग से इनकी कीमत के बारे में पूछा तो इसमें  बड़ा गड़बड़ झाला नजर आया।
दरअसल उरेडा द्वारा सड़क से 10 किमी के दायरे में 10 वर्ष की वारंटी के साथ 17486 रु में एक लाइट दी जा रही थी किन्तु 27 सितंबर के नए शिड्यूल के अनुसार  यही सोलर लाइट अब 5 वर्ष की वारंटी के  साथ 13210 रु में दी जा रही है । उक्त दरों में टैक्स ट्रांसपोर्टेशन आदि सभी खर्च सामिल है। एक ही लाइट की कीमत में हजारों का फर्क है तो पूरे प्रदेश में कितना झोल होगा अंदाजा लगाया जा सकता है।
जाहिर है कि लाइट के इस खेल में बड़ा झोल है । एक तरफ ग्रामीणों को डर है कि पूरा बजट फालतू की कीमत में बर्वाद हो रहा है वही इस प्रकरण के बाद प्रधानों और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय के बीच चले पुराने विवाद की जड़े फिर से हरी हो सकती है। प्रभारी डीएम और
सीडीओ प्रशांत आर्य ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के बाद पंचयती राज विभाग को उक्त संबंध में अवगत कराने का भरोसा दिलाया है। बताते चले कि पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा जबरन आपदा किट खरीदे जाने का विरोध भी उत्तरकाशी से सुरु हुआ था जिसकी गूंज मंत्रालय तक सुनाई दी थी।
अगर मामले में घपले की पुष्टि हुई तो एक बार फिर से पंचायत के कार्यो की जांच की विभागीय मंत्री के पुराने आदेश को बल मिल सकता है।
पूरी रिपोर्ट देखिए इस लिंक में।

https://youtu.be/wIjDiZHWzms

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