निर्वतमान पुलिस महानिदेशक का बयान कांग्रेस के आरोपों की पुष्टिः बिष्ट

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश के निर्वतमान पुलिस महानिदेशक सेवानिव्त्त के समय उस कडवे सच को स्वीकार कर गये हैं। जो सच कांग्रेस लगातार कह रही थी। कांग्रेस पार्टी लम्बे समय से कहती आ रही है कि प्रदेश में भूमाफिया, शराब माफिया और खनन माफिया हावी हैं और उक्त माफियाओं के दबाव में सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटी अंकिता भण्डारी प्रकरण में वीआईपी अपराधी कौन है इसका आजतक खुलासा नही हो पाया है। इस मामले में सरकार लगातार लीपापोती कर रही है यह प्रदेश की जनता भलीभॉति जानती है।
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण के मास्टर माइण्ड हाकम का हाकिम कौन है यह भी प्रदेश की जनता लगातार पूछ रही है लेकिन आज तक उसका भी जबाव नही मिला है। चिकित्सा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में किस तरह से मनमानी की यह किसी से छुपा नही है, 89 प्रतिशत नम्बर लाने वाले अर्भीयर्थियों का चयन नही हुआ और मंत्री पुत्री 6 नम्बर लाकर भी नियुक्ति पा गई यह किसी से छुपा नही है हरिद्वार में पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के सन्तों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर खुलेआम कहा कि आश्रम की जमीनों और सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद शामिल हैं पर आज तक इनमें से किसी भी एक प्रकरण में कोई कार्यवाही देखने को नही मिली है। यह सभी प्रकरण निर्वतमान पुलिस महानिदेशक के आरोपों की पुष्टि करते हैं कि प्रदेश में सफेद पोश माफिया कितने हावी है और पुलिस विभाग के लिए चुनौती है।
उन्होंनंे कहा कि यह पहली बार नही है कि प्रदेश के किसी बडे अधिकारी ने कडवे सच को स्वीकार किया हो इससे पूर्व भी जब राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में पेपर लीक प्रकरण सामने आया था तब भी आयोग के चौंयरमेंन एस. राजू ने स्वीकार किया था कि उनके उपर कार्यवाही ना करने का भारी राजनैतिक दबाव था वह दबाव किसका था आज तक प्रदेश की जनता को इसका पता नही लगा। उन्होंने कहा प्रदेश में मा. उच्च न्यायालय पहले ही कह च.ुका है कि प्रदेश की खनन नीति से प्रदेश को लगभग ढाई हजार करोड़ रू. का चुना लगा है। अब तो प्रदेश का पूरा खनन ही बाहर की कम्पनियों को दिया जा रहा है, जिससे खनन माफिया के हावी होने के आरोप भी सही साबित हो रहे हैं। प्रदेश में भूमाफिया से चुनौती की बात भी इसलिए सही है कि देरहादून में ही टी स्टेट की जमीनों की किस तरीके बन्दरबॉट हुई है यह किसी से छुपा नही है और इस मामले में अभीतक जॉच चल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है यह आरोप कांग्रेस लगातार लगा रही है 2021-22 में आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार 872 बलात्कार की घटनायें हुई राजधानी देहरादउून में भी आये दिन हत्या, अपहरण, बलात्कार, चोरी और रिलायन्स ज्वैलरी शोरूम में 20 करोड़ की डकैती जैसी घटना इस बात का प्रमाण हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेश को पूर्णकालिक पुलिस महानिदेश क्यों नही मिला यह भी समझ से परे है। प्रदेश सरकार जिस भी अधिकारी को पसंद करती है उसे नियुक्ति का पूरा अधिकार है मगर कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति की जरूरत क्या थी। यह जनता जानना चाहती है।

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