गंगा को प्रदूषित करने वाले बड़े होटल्स पर कसा शिकंजा।
20 कमरों से अधिक होटल मालिको को खुद का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के निर्देश।
गंगा में गिर रहे नालों की नियमित सफाई के फोटोग्राप्स उपलब्ध कराएंगे विभाग।
दीवाली तक कूड़े को अलग अलग कर निस्तारण करने के लिए कार्यवाही गतिमान।
गिरीश गैरोला
नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा नदी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण निर्णय पर कड़ाई से अनुपालन के बैठक में सख्त निर्णय लिए गए।
डीएम ने जिम्मेदार अधिकारियों को बड़े होटल मालिको से अपने खुद के एसटीपी लगाने के निर्देश दिए है। डीएम आशीष कुमार ने जिला सभागार उत्तरकाशी में नमामि गंगे की बैठक के दौरान संबंधित विभागों को नियमो को कड़ाई से अनुपालन के निर्देश दिए।
धार्मिक शिव नगरी उत्तरकाशी में बड़ी तादाद में सुबह के समय भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ तीर्थ यात्री गंगा स्नान के बाद गंगा जल चढ़ाने के लिए विश्वनाथ मंदिर जाते है किंतु उस समय उनकी आस्था को बड़ा धक्का लगता है जब उन्हें पता चलता है कि वे गंगा जल के स्थान पर सीवर मिला गंदा पानी से न सिर्फ स्नान कर रहे है बल्कि इसे शिव लिंग पर चढ़ाने के पाप के भी भागीदार हो रहे है। जाहिर है कि गंगा प्रेम औए शिव भक्ति के लिए धोती कुर्ता तिलक के साथ गंगा में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी भी कुछ सार्थक करने की जरूरत अनं पड़ी है। गंगा सफाई अभियान की सूरूवात भी धार्मिक स्थलों से ही होनी चाहिए ताकि एक बहुत बड़ा वर्ग इसमें अपनी सहभागिता दे सके।
आखिर गंगा के अस्तित्व तक ही पर्यटन भी रहेगा और धार्मिकता भी। यदि गंगा ही नही रहेगी तो एक बड़ी आबादी अपने प्राकृतिक रोजगार से अलग हो सकती है। गौरतलब है कि वर्ष 2012 की बाढ़ के दौरान नदी में सीवर की गंदगी छोड़े जाने के मामले प्रकाश में आये थे।
जिलाधिकारी डा. आषीश चौहान ने नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा बैठक लेते हुए परियोजना के तहत बन रहें घाटों, 20 कमरों से अधिक के व्यवसायी होटलों हेतु एसटीपी अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देष संबंधित अधिकारियों को दिए। नगर पालिका को गंगा में गिर रहें पाचं बरसाती नालों सहित कुल नौ नालों की रोस्टर के आधार पर नियमित सफाई करने के निर्देष दिए। प्रत्येक नाले की सफाई की दैनिक रिर्पोट फोटोग्राफ्स के साथ उपलब्ध कराने के निर्देष अधिषासी अधिकारी को दिए। जैविक व अजैविक कूड़े के सैगरीकेषन का कार्य दिवाली से पहले षुरू करने के निर्देष देते हुए डंपिंग स्थान पर साईड डवलपमेंट करने के भी निर्देष दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा की अविरल धारा को स्वच्छ बनाएं रखने के लिए आमजन मानस को जागरूक करने के उदेष्य से नए वर्श में कैलेंडर बनाएं जाए। गंगा की स्वच्छता रखने हेतु स्थानीय लोगों में ही फोटोग्राफ्स प्रतिस्पर्दा करवाकर बेहतरीन फोटों को कैलेंडर में षामिल करें।
बैठक में डीएफओ संदीप कुमार, उप जिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी, अधिषासी अभियंता लोनिवि राजेन्द्र सिंह खत्री, इई जल संस्थान बलदेव सिंह डोगरा, ईई गंगा प्रदूशण इकाई षषी राणा, ईई सिचाई जी.वी. सिल्वाल,अधिषासी अधिकारी नगर पालिका सुषील कुरील, पर्यावरण विषेशज्ञ लोकेन्द्र चौहान, मेजर जमनाल, आदि उपस्थित थे।