देहरादून। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने इस्तीफे संबंधी अटकलों पर विराम लगाते हुए रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके छोटे भाई हैं, जिन्होंने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया। रावत ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि अगले साल विधानसभा चुनाव में धामी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे। इससे पहले, रावत ने शनिवार को धामी के आवास पर उनके साथ छह घंटे बैठक की थी।
दोनों ने रात का भोजन साथ किया था। रावत शुक्रवार को गुस्से में मंत्रिमंडल की बैठक छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद उनके इस्तीफे की अटकलें लगने लगी थीं। सूत्रों ने बताया कि रावत बैठक छोड़कर इसलिए चले गए, क्योंकि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने से नाराज थे। भाजपा नेता एवं विधायक उमेश शर्मा काऊ को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह रावत को इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाएं। काऊ ने शनिवार को कहा था कि मंत्री की शिकायत को दूर कर दिया गया है और श्श्कोई कहीं नहीं जा रहा है। रावत ने वीडियो में कहा, पुष्कर मेरे छोटे भाई हैं, जो हर परिस्थिति में मेरे साथ रहे हैं। मैं एक बड़े भाई के तौर पर उन्हें आशीर्वाद देता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि उनके नेतृत्व में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में फिर से सत्ता में लौटे। उन्होंने कहा कि धामी प्रदेश के लोगों और दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों के लिए निष्पक्ष तरीके से ईमानदारी से काम कर रहे हैं। रावत ने कहा, उनके रूप में राज्य को पहली बार ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसके दिल में गरीबों, युवाओं एवं महिलाओं के लिए सहानुभूति है। रावत से शनिवार को मुलाकात करने से पहले धामी ने कहा था कि मंत्री की शिकायत परिवार का मामला है और इसका जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा। धामी ने रावत का कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज संबंधी प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और उन्होंने सोमवार को परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी करने पर सहमति जताई।