जमीन पर चित्त पड़े पटवारी की अनकही दास्तान।

“थोड़ी सी जो पी ली है, डाका तो नही डाला , चोरी तो नही की है, हंगामा ही क्यों बरपा” गिरीश गैरोला शायद यही कुछ कहने का प्रयास कर रहे…

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