डीएम की दहाड़ से कांपा बैंक: विधवा महिला को मिला इंसाफ, 15.50 लाख का कर्ज माफ!”

Share Now

“एक साल से भटक रही शिवानी को डीएम की कड़ी कार्रवाई से मिला न्याय, बैंक चौखट पर लाया नो ड्यूज सर्टिफिकेट”

देहरादून, 20 जून 2025।
वो एक विधवा थी, अकेली… न्याय के लिए एक साल से दर-दर भटक रही थी।
लेकिन जब ज़िला प्रशासन ने कमान संभाली, तो सिस्टम को झकझोर कर रख दिया।

शिवानी गुप्ता, पति की मृत्यु के बाद बैंक और बीमा कंपनी के चक्कर काट रही थीं। 15.50 लाख के कर्ज से दबे इस मामले में न इंसाफ मिल रहा था, न ही कोई सहारा। लेकिन डीएम सविन बंसल की आक्रामक कार्यवाही ने कहानी की दिशा ही बदल दी।

डीसीबी बैंक, जो अब तक फरियादी की बात सुनने को तैयार नहीं था, उसी ने फरियादी की चौखट पर जाकर सम्पत्ति के कागज़ लौटाए, और साथ में सौंपा – नो ड्यूज सर्टिफिकेट


🚨 प्रशासनिक तुफान ने हिलाया सिस्टम

डीएम ने बैंक प्रबंधक को कई बार नोटिस भेजे। जब कोई असर नहीं पड़ा, तो 18 जून को बैंक को सीज कर दिया गया। राजपुर रोड स्थित डीसीबी ब्रांच की चल संपत्ति भी कुर्क की गई।

एसडीएम कुमकुम के नेतृत्व में ज़मीनी टीम ने बैंक को मजबूर कर दिया कि वह कानून के आगे झुके। 15.50 लाख का लोन शून्य किया गया।


💬 शिवानी गुप्ता का बयान

“मैंने उम्मीद छोड़ दी थी। डीएम साहब की वजह से मुझे मेरा हक मिला है। अब मेरे पास राहत की सांस लेने का कारण है।”


🧭 मामले की पृष्ठभूमि

शिवानी के पति ने डीसीबी बैंक से लोन लिया था, जिसका बीमा भी था।
पति की मृत्यु के बाद बीमा कंपनी और बैंक दोनों ने सहयोग से इनकार किया।
शिवानी पर किस्तों का दबाव बना रहा था, लेकिन बैंक और बीमा कंपनी में संवादहीनता से वह अकेली लड़ रही थी।


📣 स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय नागरिक और अधिवक्ता सुमित थपलियाल कहते हैं:

“ऐसी कार्रवाई नज़ीर बनती है। ज़िला प्रशासन अगर इस तरह जनहित में खड़ा हो, तो भ्रष्ट और हठी संस्थाएं खुद सुधरेंगी।”


🔚 समापन संदेश (Call to Reflection)

जब प्रशासन आंखें खोलता है, तो बंद दरवाज़े भी खुलने लगते हैं।
शिवानी गुप्ता की जीत केवल उसकी नहीं है — यह उस व्यवस्था की चेतावनी है जो आम जनता को नजरअंदाज़ करती है।

👉 अब समय है कि हम ऐसे कड़े फैसलों को सराहें, क्योंकि न्याय जब सच में ज़मीन पर उतरता है, तो भरोसे की एक नई सुबह होती है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!