देहरादून। चमोली के हेलंग गांव में महिलाओं के साथ पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों के साथ 16 जुलाई को की गई अभद्रता पर उत्तराखंड कांग्रेस की मीडिया पैनालिस्ट गरिमा मेहरा दसोनी एवं सुजाता पॉल ने संयुक्त रुप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस कृत्य की निंदा करते हुए सरकार पर सवाल उठाए। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस के निवर्तमान गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि एक ओर जहां उत्तराखंड के लोक पर्व हरेले की धूम चारों तरफ दिखाई दे रही थी , मुख्यमंत्री से मंत्री तक और मंत्री से संत्री तक सभी पौधा रोपण करते हुए देखे जा सकते थे वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड की एक वीभत्स तस्वीर चमोली जिले के हिल्ंग गांव में देखने को मिली जहां सीआईएसएफ के जवान एक वृद्ध महिला जोकि अपने मवेशियों के लिए चारा लेकर जा रही थी और जिसकी पीठ पर घास का गट्ठर था उसके साथ जोर आजमाइश करते हुए दिखाई दिए। चमोली के हिलंग की यह घटना उस महत्वाकांक्षी घसियारी योजना के मुंह पर एक करारा तमाचा है जिसे गाजे-बाजे के साथ देश के गृहमंत्री अमित शाह सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड की जनता को सौगात रूप में भेंट किया था।
गरिमा ने यह भी कहा कि जहां एक और उत्तराखंड राज्य मातृशक्ति कि देन है वही दूसरी ओर मातृशक्ति के साथ पर्वतीय अचलो में किस तरह का अमानवीय व्यवहार हो रहा है सोशल मीडिया पर पिछले चार दिनों से वायरल हो रहा वीडियो इसकी बानगी है परंतु सरकार कुंभकारणीय नींद में सोई हुई जान पड़ती है। दसौनी ने पूछा आज चार दिन बीत जाने पर भी उन पुलिस कर्मियों को चयनित कर उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई,जिन्होंने एक बुजुर्ग महिला के साथ धक्का-मुक्की एवं अभद्रता की। दसोनी ने कहा कि घसियारी योजना के दौरान धन सिंह रावत ने टूल किट में एक दराती भी दी थी क्या दराती घर में सजावट के लिए दी गई थी। क्या प्रथक पहाड़ी राज्य की मांग इसलिए की गई थी कि अपने ही जल जंगल और जमीन पर हमारा अधिकार ना रहे। दसोनी ने कहा इस तरह का व्यवहार तो केवल अंग्रेजों के शासनकाल में ही देखा जा सकता था।
दसोनी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो नेता प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए दिखाई देते हैं लेकिन हरेला पर्व के दिन जिस तरह से उत्तराखंड की छवि को राष्ट्रीय पटल पर धूमिल करने वाला यह वीडियो वायरल हुआ है वह हर उत्तराखंडी के लिए शर्मसार करने वाला है।
इस अवसर पर मीडिया पैनलिस्ट सुजाता पॉल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य महिलाओं के बलिदानों की देन है और महिलाओं के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चमोली जिले के हेलंग गांव की महिलाओं के साथ पुलिस और सीआईएसफ के जवानों के द्वारा अभद्रता निंदनीय है और सरकार को जवाब देना होगा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति के जल जंगल जमीन के अधिकार पर प्रहार क्यों कर रही है?
मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना 2022 पर सुजाता ने सवाल उठाया कि इस योजना में अब तक कितनी महिलाओं ने पंजीकरण कराया है? इसके तहत दी जाने वाली टूलकिट में दो दराती, एक रस्सी, पानी की बोतल, एक टिफिन और एक बैग दिए जाने का क्या औचित्य है जब घास घर पहुंचाई जानी है? और यदि दराती दी गई है तो उसका उपयोग करने से महिलाओं को क्यों रोका जा रहा है? महिलाओं के साथ अभद्रता करने के आदेश किसने दिए? जल विद्युत परियोजना के लिए जो टनल बनाया जा रहा है उसका मलबा आखिर जंगल की जमीन और चारागार में क्यों फेंके जा रहे हैं? जीएसटी लगाकर दूध, दही, पनीर को महंगा करने के बाद क्या मातृशक्ति को घास के लिए भी इस प्रकार का टैक्स देना पड़ेगा? कांग्रेस पार्टी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार का पुरजोर विरोध करती है। प्रेस वार्ता के दौरान संगठन महामंत्री विजय सारस्वत, मसूरी विधानसभा प्रत्याशी गोदावरी थापली, राजपुर पार्षद उर्मिला ढौंडियाल थापा मौजूद रहे।