पूरी तरह ठप था ऑपरेशन थिएटर-संघर्ष, जनदबाव और RTI ने दिखाई ताकत

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“संजय पाण्डे के संघर्ष से टूटी प्रशासनिक चुप्पी — अब माताओं को नहीं भटकना पड़ेगा”


अल्मोड़ा जिला महिला चिकित्सालय में एक साल बाद फिर शुरू हुई ऑपरेशन थिएटर सेवा — संघर्ष, जनदबाव और RTI की ताकत का नतीजा


🩺 अल्मोड़ा की माताओं के लिए बड़ी राहत

अल्मोड़ा में एक साल से ज्यादा समय तक बंद पड़ा जिला महिला चिकित्सालय का ऑपरेशन थिएटर अब फिर से चालू हो गया है।
कारण? एक अकेले सामाजिक कार्यकर्ता का लगातार संघर्ष, मीडिया का सहयोग और जनदबाव की ताकत।


📌 पुनर्निर्माण के नाम पर बंद, माताएं बेहाल

अस्पताल परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के कारण ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह ठप था।
गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों या दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता था — कई बार जान की बाज़ी लगाकर!


📞 फोन कॉल जिसने बदली तस्वीर

महानिदेशक स्वास्थ्य ने पहले ही अस्थायी OT चालू करने का आदेश दिया था,
लेकिन फाइलें धूल खाती रहीं
तभी संजय पाण्डे ने हस्तक्षेप किया।

“ये महज़ प्रशासनिक चूक नहीं, सैकड़ों माताओं के जीवन और सम्मान का सवाल है” — संजय पाण्डे

उन्होंने जिलाधिकारी को सीधे फोन कर स्थिति बताई, RTI दायर की और स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही तय करवाई।


💪 एक के बाद एक जीत

सिर्फ ऑपरेशन थिएटर ही नहीं —
संजय पाण्डे के प्रयासों से पहले भी बहाल हुईं कई बंद सेवाएं:

  • अल्ट्रासाउंड सेवा — वर्षों से बंद, अब फिर चालू
  • आधुनिक CT स्कैन मशीन — 24 घंटे सेवा में
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी — जो सिर्फ मांग बनकर रह गई थी, अब हकीकत
  • ऑडियोमैट्री टेस्ट सुविधा — दोबारा शुरू, सैकड़ों मरीजों को लाभ

🚧 अभी भी बाकी है लड़ाई

फिर भी, दंत चिकित्सा सेवाएं जैसे रूट केनाल अब तक शुरू नहीं हुईं,
हालांकि NHM के तहत डॉक्टर की नियुक्ति हो चुकी है।

“जब तक जिला अस्पताल हर सुविधा से लैस नहीं हो जाता, मेरी लड़ाई जारी रहेगी” — संजय पाण्डे


🔚 जनसेवा की मिसाल

पद, नाम या प्रशंसा नहीं — सिर्फ जनहित की भावना।
अल्मोड़ा की ये कहानी याद दिलाती है कि एक आवाज़ भी बदलाव ला सकती है


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