भोपाल : एक थियेटर कलाकार की गिरफ़्तारी का विरोध करना पत्रकार को महंगा पद गया । पुलिस ने थाने मे अर्धनग्न कर उनकी पिटाई की । अंडर वियर पहने 8 लोगों को थाने मे ली गई तस्वीर सोशल मीडिया मे वायरल होने के बाद हंगामा मचा तो पुलिस संबंधित पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है ।
मध्य प्रदेश के सीधी कोतवाली में पत्रकारों को गिरफ्तार कर नंगा करके जेल में डालने का मामला सामने आया है । सोशल मीडिया मे फोटो विडिओ वायरल होने के बाद कोतवाली प्रभारी का जबाब आया कि सुरक्षा की दृष्टि से पत्रकारों के कपड़े उतरवाए गए ताकि वे आत्महत्या न कर सकें।
आरोप है कि मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक थिएटर कलाकार की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद एक पत्रकार और सात अन्य साथियों के कपड़े उतार दिए गए, और उनकी पिटाई कर दी गई। कथित घटना 2 अप्रैल को हुई और गुरुवार को तब सामने आई जब आठ गिरफ्तार लोगों की अर्ध-नग्न तस्वीरें वायरल हुईं।
पत्रकार कनिष्क तिवारी ने कहा कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अन्य थिएटर कलाकारों को 2 अप्रैल को सीधी पुलिस स्टेशन में थिएटर कलाकार नीरज कुंदर की गिरफ्तारी के विरोध करने के मामले मे गिरफ्तार किया गया था ।
तिवारी ने आरोप लगाया कि थाने में उनके और अन्य साथियों के कपड़े उतारे गए और उनकी पिटाई की गई। उन्होंने बताया की पूर्व मे उसके द्वारा सड़क निर्माण पर सवाल उठाने और पानी की किल्लत की खबर दिखाए जाने से नाराज विधायक की शह पर ये कार्यवाही अंजाम दी गई है ।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरु दत्त के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अश्लील टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीधी कोतवाली प्रभारी मुकेश सोनी ने बताया कि एक स्थानीय नाटक संस्थान इंद्रावती के निदेशक कुंदर को विधायक शुक्ला और उनके बेटे को लगातार बदनाम करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। कुंदर ने इसके लिए एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाया था। उसे 2 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया था और आईटी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी के तहत कार्रवाई की गई थी।
पुलिस ने पत्रकार के इस आरोप को खारिज कर दिया कि गिरफ्तार किए गए सभी आठ लोगों को पुलिस ने पीटा।
उन्होंने कहा, ‘ जांच के लिए उनके कपड़े उतार दिए गए और यह सामान्य है… थाने में उनकी पिटाई नहीं की गई। थानेदार ने मीडिया से यह भी कहा कि यह कहना गलत होगा कि आरोपी नग्न थे। ट्वीट की गई एक क्लिप के अनुसार, “वे अपने अंडरवियर में थे,” पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि उनके कपड़े हटा दिए गए ताकि वे आत्महत्या करने के लिए उनका इस्तेमाल न कर सके ।
बड़ा सवाल ये कि पत्रकार को सिर्फ अंडर वियर पहने थानेदार के सामने मुजरिम की तरह खड़े कर उनके फोटो लेकर वायरल करने का पुलिस को किसने अधिकार दे दिया ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल पुलिस मुख्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी और एक उपनिरीक्षक (एसआई) को निलंबित कर दिया गया। साथ ही उन्हें पुलिस लाइन में तलब किया गया है।