देहरादून। स्थाई गैरसैंण राजधानी बनाने की मांग को लेकर देहरादून में गांधी पार्क के बाहर अनशनकारी प्रवीण सिंह काशी को मंगलवार को पुलिस बल ने जबरन उठा लिया। अनशनकारी प्रवीण सिंह काशी ने घोषणा की थी कि आज वे गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास तक दण्डवत यात्रा निकालेंगे। 12 दिसंबर से अनशन पर बैठे प्रवीण सिंह काशी की घोषणा के बाद आज पुलिस बल ने उनको जबरन अनशनस्थल से उठा दिया। वहीं इस दौरान गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के प्रमुख रणनीतिकार मनोज ध्यानी ने कहा कि 20 साल तो क्या 20 घंटे से कम समय के अनुष्ठान में तो देवता भी यजमान की विनती सुन लेते हैं परन्तु उत्तराखंड के निरंकुश विधायक हैं।
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के संयोजक मदन भंडारी ने लड़ाई के लिए गैरसैंण अभियानकर्मियों को लामबद्ध होने का आह्वान किया है। मदन भंडारी ने सरकार की खिंचाई करते हुए कथन किया है कि उत्तराखंड की सरकार गैरसैण के मुद्दे पर रत्तीभर भी सकरात्मक दृष्टिकोण नहीं रखती है, इसलिए इस सरकार ने पहले घोषणा की थी कि इस बार का सत्र गैरसैंण में सम्पन्न होगा परन्तु बाद में पलटते हुए देहरादून मे ही सत्र करवाया। इससे सरकार गैरसैंण के मुद्दे पर बेनकाब हो चुकी है। वहीं अनशनकारी को उठाने का धरना स्थल पर जबरदस्त विरोध हुआ। जिसके बाद राज्य निर्माण सेनानी संघ के प्रदेश संयोजक रविंद्र कुमार प्रधान एवम उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जबरसिंह पावेल स्वयं अनशनस्थल पर धरना पर बैठ गए। प्रदेश संयोजक रविंद्र कुमार प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की मूकदर्शिता को देखते हुए अब मौन बैठना मूर्खता कहलाएगी। उन्होंने दण्डवत यात्रा जैसे पूर्णतः अहिंसक कार्यक्रम को पुलिस बल के बलबूते विफल करना को तानाशाही कदम बताया।
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने चेतावनी भरे लहजे मे कहा कि उत्तराखंड सरकार यदि गैरसैण के मुद्दे पर दमनकारी नीति अपनाती हैं तो तब जनता को इस निरंकुश सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने के लिये एक मुठ्ठी बनना होगा व सबसे प्रभावशाली विकल्प की ओर रुझान बनाना होगा। वहीं प्रवीण सिंह काशी को पुलिस लाइन भेजा गया है जबकि धरने पर मदन सिंह भंडारी, अरविन्द हटवाल, रविंद्र कुमार प्रधान, जबरसिंह पावेल, बॉबी पँवार, ृसैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, रेखा देवशाली, आदेश चौधरी, रेणु चौधरी सुशील विरमानी शशांक अग्रवाल, रमेश राज आदि बैठे।