देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर विपक्ष को नष्ट करने और विरोध की हर आवाज को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान में भी लोकतंत्र दफन करने की साजिश रची जा रही है। यहां सोशल मीडिया पर जारी अपनी पोस्ट में रावत ने स्पीकअप फॉर डेमोक्रेसी (लोकतंत्र के लिए आवाज उठाओ) को सर्व स्वीकार्य मुहिम के रूप में संचालित करने की जरूरत बताते हुए कहा, आज जिन लोगों के हाथ में सत्ता है, वे विपक्ष को नष्ट कर देना चाहते हैं, वे विरोध की हर आवाज को दबा देना चाहते हैं, वे हर उस स्वर को कुचल देना चाहते हैं, जो उनकी गलतियों को इंगित करने का काम करता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लोकतंत्र को दफन करने की साजिश रची जा रही है। रावत ने कहा, मुख्यमंत्री अपना बहुमत सिद्ध करना चाहते हैं और कैबिनेट को अधिकार है कि वह महामहिम राज्यपाल से कभी भी सत्र आहूत करने का अनुरोध कर सकती है। कौन है जो महामहिम राज्यपाल को राजस्थान के विधानसभा सत्र को आहूत करने से रोक रहा है? उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संघर्ष में हजारों-लाखों लोग उनके साथ हैं।
रावत ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को तोड़ने के लिये धन-बल का प्रयोग किया जा रहा है और सीबीआई से लेकर ईडी, आयकर विभाग और आईबी तक सभी संस्थाओं को विपक्ष को नष्ट करने के काम में लगा दिया गया है तथा राजस्थान में नग्न रूप से यह सब दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गहलोत सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहती है और यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में यह सिलसिला प्रारंभ किया गया, उत्तराखंड में उस प्रयोग को दोहराया गया। हालांकि अदालत ने केंद्र सरकार को सबक सिखाया, लेकिन कर्नाटक में फिर यही किया गया और मध्य प्रदेश में भी दोहराया गया। रावत ने कहा, हमने पार्टी के अंदर एक तंत्र खड़ा किया है और उसके तहत हम अपने मतभेदों को सुलझा लेंगे, लेकिन हमारे मतभेदों को सुलझाने के लिये धन शक्ति और सत्ता बल का निर्मम प्रयोग किया जा रहा है। रावत ने लोगों से लोकतंत्र बचाओ की इस मुहिम में शामिल होने का आह्वान किया।