आफत की बरसात।
झील में समा गए घर।
तीन दिनों तक बीमार बच्चो के साथ भूखे प्यासे फंसे रहे ग्रामीण।
सरकार से दिखाई नाराजी।
नीरज कुमार ऋषिकेश
ऋषिकेश में गोहरिमाफी गाँव मे उफनती सांग नदी ने रौद्र रूप लेकर पूरे गाँव को अपनी चपेट में ले लिया। तीन दिन तक ग्रामीण अपने मासूम बच्चों और मवेशियों के साथ टापू पर मदद की इंतजार करते रहे। तीसरे दिन प्रसासन की नींद खुली और मौके पर राहत दल को भेजा। ग्रामीण महिलाओं ने सरकार और विधायक से अपनी नाराजी जताई है। पुलिस अधिकारी सरिता डोभाल ने बताया कि चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और एसडीआरएफ की टीम अभी भी मौके पर ही तैनात है।
मौसम विभाग की चेतवानी के बीच आमतौर पर शांत रहने वाली सांग नदी ने ऐसी तबाही मचाई कि रात को जब लोग नींद से जागे तो खुद के घरों को नदी के बीच मे पाया चारो तरफ पानी ही पानी । अंदर बाहर सब जगह पानी ही पानी था। तीन दिनों तक गौहरी माफी गाँव के लोग भूखे प्यासे अपने बुखार में तपते बच्चो के साथ पानी के बीच संघर्ष करते रहे किन्तु घटने की बजाय पानी बढ़ने लगा। जिसके बाद राहत दल मौके पर पहुचा।
सीओ पुलिस सरिता डोभाल ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने पानी के बीच फंसे चार लोगों को रस्सों की मदद से बाहर निकाल लिया है औए अभी भी मौके पर एक टीम को तैनात रखा हुआ है।
ग्रामीण महिलाओं ने सरकार और स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजी दिखाई। महिलाओं ने कहाँ की उन्हें महज वोट आइटम समझा जाता है कोई उनकी सुध नही लेता और न ही गाँव की सुरक्षा के लिए बांध बनाया जाता है।