टोंस नदी पर मौत का सफर पार कराती ट्रॉली।
सीएम दरबार से लौटी पीड़िता की चिट्ठी।
गिरीश गैरोला
https://youtu.be/8XFFAqkvchk
उत्तराखंड के पहाडो में नदी नालों को पार करने के लिए बनाई गई ट्रॉली भी अब जानलेवा साबित हो रही है। नदी को पार करने के लिए बनाए गए जुगाड़ को खींचने में कई बार ग्रामीण चोटल हो रहे है तो कई बार जान से भी हाथ धोने को मजबूर हो रहे है। मोरी ब्लॉक के सांद्रा गाँव की रंजीता का परिवार टोंस नदी पर लगी ट्रॉली से पीड़ित है। ट्रॉली से पति के गिरने के बाद मानसिक रूप से अस्वस्थ है तो उनकी मासूम बेटी भी ट्रॉली से गिरकर अपनी जान गवां चुकी है । घर मे दो जून की रोटी के लिए रोजगार की मांग करते हुए अपने बच्चो के साथ पीड़ित परिवार अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर काट रहा है।
तहसील मोरी की सल्ला गाँव निवासी रंजीता टोंस नदी के प्रकोप से पीड़ित है और अब मदद के लिए अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर काट रही है। मंत्रियों और अधिकारियों के कागजी आश्वासन आज तक पूरे नही हो सके अब पीड़िता के पास भूख हड़ताल में बैठने के अलावा कोई चारा बाकी नही राह गया है।
अप्रैल 2017 में टोंस नदी पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई ट्रॉली को पार करते समय रंजीता रावत के पति किशोर रावत अप्रैल 2017 में गिरकर चोटिल हो गए थे जिसके बाद उनके सर का आपरेशन हुआ था और अब वे काम करने की स्थिति में नही है। जुलाई वर्ष 2018 में उनकी सात वर्षीय पुत्री तनवी भी इसी ट्राली से गिर पर नदी में बह गई और परिजनों को उसकी लाश ही मिल सकी। दो जून की रोटी के लिए दर दर भटक रही रंजीता को लेकर मोरी के जिला पंचायत सदस्य प्रकाश देव नाटा डीएम उत्तरकाशी के दफ्तर पहुँचे।
उन्होंने बताया कि कई बार अधिकारियों के चक्कर काट चुके है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दरबार मे भी हाजिरी लगाई इस दौरान कागजी घोड़े तो खूब दौड़े पर धरातल पर कोई काम नही हुआ।
डीएम आशीष चौहान ने बताया कि मोरी पुरोला बहुउद्देशीय शिविर में उक्त महिला ने अपनी पीड़ा से उन्हें अवगत कराया था जिसके बाद उन्हें तात्कालिक रूप से लोक निर्माण विभाग की मजदूर गैंग में काम दिलाया गया था।डीएम ने कहा कि इस मामले में सीएम रिलीफ फण्ड से मदद के लिए पत्र मुख्यमंत्री दरबार को फारवर्ड किया जाएगा।