पर्यटक स्थलों से दूर होता पर्यटन दिवस:मेरु रैबार

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पर्यटन से दूर होता पर्यटन दिवस

राम मूर्ति सिलवाल, उत्तरकाशी

विश्व पर्यटन दिवस पर उत्ततारखण्ड प्रदेश में भी हर वर्ष खानापूर्ति ही होती दिख रही है और नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन को तलाश करने अथवा उन्हें विकसित करने की दिशा में कोई पहल नही हो रही है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कुछ मेहनतकस लोगो के प्रयास से इसमें जरूर कुछ सुधार आया है किंतु पर्यटन विभाग ने तो मानो इससे दूरी ही बना ली है। धरासू यमनोत्री मार्ग पर नगल के पास प्राकृतिक शिव गुफा भी सरकारी उदासीनता का शिकार बनी हुई है। पानी की तलास में मिली इस गुफा में केदारनाथ की तर्ज पर पंच मुखी शिव लिंग के साथ 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन होते है।

हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड खुद में अनंत प्राकृतिक सौन्दर्य समेटे है, हिमाच्छदित चोटियां, दूधिया झरने, कल-कल प्रवाहित नदियां पहचान है देवभूमि की लेकिन अभी भी हमारे उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान है जहां सरकार का अभी तक ध्यान नही गया, लेकिन वहा पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है, और बहुत ही सुरम्य एवं ह्दय को अभिभूत करने वाले स्थान है, जहां स्थानीय लोगो को रोजगार के साथ-साथ उत्तराखंड में पर्यटकों का अधिक मात्रा में बढ़ोतरी हो सकती है, बात अगर हम उत्तरकाशी की करें तो दयारा बुग्याल का नैसर्गिक सुंदरता, एवं यमुनोत्री क्षेत्र में केदारकांठा, माला, सुनापड़ा, सप्तश्रिषि कुंड, फाचुकांठी बुग्याल, सरूताल बौखनाग टिब्बा, शिव शिव गुफा नगल महरगांव, तमाम ऐसे सुरम्य एवं रमणीय स्थान है,जो उत्तराखंड मानचित्र से कोसों दूर है,

बात अगर शिव गुफा की करें तो गंगा यमुना के मध्य बसा यह स्थान नैसर्गिक सुंदरता के साथ-साथ, भगवान शंकर की प्राकृतिक गुफा है, जो यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर स्थित है, जहां गंगोत्री,यमुनोत्री की तर्ज पर तीर्थ यात्री दर्शन करते हैं, लेकिन सरकार की दृष्टि सें यह स्थान भी काफी दूर है, में धन्यवाद करता हूं अपने जिले के सभी पत्रकारों का जो समय-समय पर शिव गुफा के प्रचार प्रसार हेतु प्रयासरत रहते है,ऐसे ही तमाम स्थान अपने देवभूमि में पर्यटन के लिहाज से तो महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर सरकार उनकी और ध्यान दें तों उत्तराखंड की आमदनी के साथ-साथ उत्तराखंड को पर्यटन की दृष्टि और अधिक तरजीह मिलेगी, वैसे वर्तमान सरकार पर्यटन, तीर्थ स्थल विकास एवं जीर्णोद्धार हेतु काफी सक्रिय है, उम्मीद है देवभूमि के सभी अविकसित स्थान जो पर्यटकों की नजरों से ओझल है, इन स्थानों का सरकार कायाकल्प करेंगी—————-

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