उत्तराखंड में तबादला तुफ़ान! चार जिलों के डीएम समेत 56 अफसरों का उलटफेर

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बादलों की तूफानी रात: अफसरशाही में भूचाल, चार जिलों के डीएम बदले!
31 IAS, 24 PCS अफसरों की तैनाती में बड़ा उलटफेर, पौड़ी-चंपावत-उत्तरकाशी-रुद्रप्रयाग के डीएम बदले


राज्य सरकार ने आधी रात को चलाया तबादला बम, नौकरशाही में मचा हड़कंप
पौड़ी के डीएम आशीष चौहान को यूकाडा भेजा, स्वाति भदौरिया को दी गई जिले की कमान


देहरादून।
उत्तराखंड की सियासी फिजा में बृहस्पतिवार देर रात उस वक्त बिजली सी कौंध गई, जब शासन से एक आदेश निकला और देखते ही देखते पूरी नौकरशाही में भूचाल आ गया। चार जिलों के जिलाधिकारियों समेत 31 IAS, 24 PCS और एक IFS अधिकारी के तबादले कर दिए गए। आधी रात तक दफ्तरों और वॉट्सएप ग्रुपों में अफरा-तफरी मची रही।

सबसे बड़ा बदलाव पौड़ी में हुआ, जहाँ जिलाधिकारी आशीष चौहान को हटा कर उन्हें यूथ वेलफेयर और यूकाडा का सीईओ बना दिया गया है। उनकी जगह अब स्वाति एस भदौरिया, जो तकनीकी शिक्षा और एनएचएम की जिम्मेदारी संभाल रही थीं, पौड़ी की नई डीएम होंगी।


📍 चार जिलों के डीएम बदले, कौन कहां पहुंचा?

  • चंपावत के डीएम नवनीत पांडे को कार्मिक विभाग में भेजा गया है।
  • उनकी जगह मनीष कुमार (सीडीओ ऊधमसिंह नगर) अब चंपावत के डीएम होंगे।
  • रुद्रप्रयाग के डीएम सौरभ गहरवार को सिडकुल और उद्योग विभाग की कमान दी गई।
  • प्रतीक जैन होंगे अब रुद्रप्रयाग के नए डीएम।
  • उत्तरकाशी के डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट को ऊर्जा और उरेडा निदेशक बनाया गया है।
  • प्रशांत कुमार आर्य को उत्तरकाशी की कमान सौंपी गई है।

टॉप लेवल पर भी भारी उलटफेर

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से जलागम, सचिव आर राजेश कुमार से सिंचाई विभाग, सचिव पंकज पांडे से श्रम विभाग और कई अन्य अफसरों से भी जिम्मेदारियां बदली गई हैं।

महिला अफसरों को भी अहम जिम्मेदारी
स्वाति एस भदौरिया के अलावा, दीप्ति सिंह को महानिदेशक शिक्षा बनाया गया है और रंजना राजगुरू को बाल विकास व महिला कल्याण विभाग सौंपा गया है।


🗣️ स्थानीय प्रतिक्रिया

पौड़ी निवासी और वरिष्ठ अधिवक्ता भगवती प्रसाद भट्ट कहते हैं,

“आशीष चौहान ने जिले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल पेश की। अब जनता को स्वाति भदौरिया से नई ऊर्जा और विकास की उम्मीद है।”


💥 क्या है संदेश?

यह तबादला सिर्फ नामों की अदला-बदली नहीं है — ये राज्य प्रशासन की दिशा, नीयत और भविष्य के संकेत हैं। नौकरशाही को अब और ज्यादा तेज, जवाबदेह और जनता के करीब होना होगा।


“हर तबादला एक संकेत है — व्यवस्था बदली है, अब परिणाम भी बदलने चाहिए।”

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