पिथौरागढ़ । केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज शिलॉन्ग में इलाके व्यापारिक समुदाय के नेताओं, युवाओं और महिलाओं के साथ केंद्रीय बजट, 2024 पर चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा केंद्रीय बजट के प्रावधानों के इर्द-गिर्द रही, जो विकसित भारत के विचार को साकार करने की दिशा में रोडमैप तैयार करता है। सोनोवाल ने कहा कि इस बजट से पूर्वोत्तर भारत काफी लाभान्वित होगा क्योंकि इसका उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और आदिवासी समुदायों को सक्षम बनाकर इलाके के आर्थिक, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है। बैठक में मेघालय सरकार के पशुपालन मंत्री अलेक्जेंडर हेक भी उपस्थित थे।
आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्रीय बजट ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में रोडमैप निर्धारित करता है। नए जोश और प्राथमिकता के साथ बजट का उद्देश्य पूर्वोत्तर के युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना और आर्थिक, औद्योगिक तथा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे खूबसूरत पूर्वोत्तर को ‘अष्टलक्ष्मी’ और भारत के विकास के नए इंजन के रूप में पहचाना है। इस बजट में आदिवासी समुदायों के सशक्तीकरण और सक्षमता के लिए आवंटन लगभग 200 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जिनमें 13,000 करोड़ रुपये आदिवासी समुदायों के कल्याण पर खर्च किए जाएंगे। पारंपरिक कारीगरों, शिल्पियों, स्वयं सहायता समूहों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए, पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं के लिए भी आवंटन बढ़ाया गया है। जनजातीय समुदायों को सामाजिक न्याय के लिए इस बजट में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम नाम से नई योजना की घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। इससे 63,000 गांवों की 5 करोड़ जनजातीय आबादी को सीधा लाभ मिलेगा।
पूर्वोत्तर में कृषि के लिए बजट प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुए सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम प्राकृतिक खेती और बागवानी के केंद्र के रूप में पूर्वोत्तर की जबरदस्त क्षमता को सामने लाने के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं को विश्व स्तरीय कुशल कार्यबल बनने में सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। खेती और बागवानी वाले 32 फसलों की उच्च पैदावार और जलवायु अनुकूल 109 किस्में जारी होने से मेघालय को आय बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने का अवसर मिला है। प्रस्तावित डिजिटल फसल सर्वे के साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों को ऋण लेने में सुविधा होगी। पर्यावरण अनुकूल टिकाऊ कृषि परियोजना के लिए 598 करोड़ रुपये का आवंटन जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण और कीट, नाशीजीव एवं रोग संक्रमण के प्रतिकूल प्रभावों को नियंत्रित करेगा और पैदावार में सुधार होगा।
सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा कि बजट का उद्देश्य विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देना है, खास तौर पर मुद्रा योजना के माध्यम से, जो एमएसएमई को आवश्यक ऋण सहायता प्रदान करती है। इसके साथ ही पहली बार नौकरी के क्षेत्र में आने वाले युवाओं को तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये 15,000 रुपये दिए जाएंगे और इसे मेघालय औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति के साथ जोड़ा जाएगा। इससे राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। युवा शक्ति को सक्षम बनाने के लिए 1,000 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा, साथ ही महिला कर्मचारियों को उद्योगों में काम करने में सहूलियत प्रदान करने के मकसद से महिला छात्रावास और क्रेच खोले जाएंगे।