देहरादून। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के लिए गठित टीम सदस्य, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव निधिमणी त्रिपाठी ने जिला कार्यालय के ऋषिपर्णा सभागार में कोविड-19 के सम्बन्ध में जनपद स्तर पर चलाये जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने होम आयशोलेशन में रह रहे लोगों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, डिस्पोजल, सोशल डिस्टेंसिंग आदि के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिये कि हाई ब्लड प्रेशर, लो ब्लड प्रेशर, सारी एवं टीवी, हदृय रोग एवं मधुमेह रोगियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद के आईटीडीए स्थित कोविड कन्ट्रोलरूम का भी स्थलीय निरीक्षण कर वहां पर की जा रही व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग द्वारा कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
कोविड-19 के संक्रमण एवं बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों का आंकड़ों सहित बिन्दुवार जानकारी बैठक में जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि अभी तक जनपद में आरटीपीसीआर के तहत् 75384, एन्टीजन टेस्ट के तहत् 22506 लोगों की सैम्पलिंग कर ली गई है तथा जनपद का रिकवरी रेट 62 प्रतिशत् है। उन्होंने बताया कि जनपद में एम्बुलेंस आक्सीजन सिलेंडरों की कोई समस्या नही है। साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा जनपद में अभी तक चैथे चरण का सर्विलांस किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सीएचसी एवं पीएचसी के चिकित्साधिकारियों द्वारा मोबाईल वैन के माध्यम से भी लोगों की सैम्पलिंग का कार्य दू्रत गति से चलाया जा रहा है, फलस्वरूप जनपद में देहरादून एवं ऋषिकेश नगर निगमों एवं डोईवाला विकासनगर, मसूरी हरबर्टपुर नगर पालिकाओं के अलावा दूरस्थ त्यूनी एवं चकराता क्षेत्र में भी सेनिटाइजेशन के साथ ही सैम्पलिंग का कार्य चलाया जा रहा है। जनपद में 18 लैब्स के माध्यम से आरटीपीसीआर एवं एन्टिजन टेस्टिंग का कार्य चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जनपद में 43 कन्टेंनमेंट जोन हैं, जिनमें लोगों को खाद्य सामग्री, फल-सब्जी, दवा, गैस सिलिंडर, दुग्ध अति आवश्यक सेवाओं को पंहुचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश एवं दून चिकित्सालय मुख्य कोविड अस्पताल है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 68 प्रतिशत् संक्रमित होम आइशोलेशन में रह रहे हैं जिनकी 24 घण्टे देखभाल करने हेतु सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जायेंगीं, जो दिन में 3 बार उनकी स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट एवं बस स्टेशनों पर सैम्पलिंग के साथ ही मोबाईल क्लीनिक टीम द्वारा सैम्पलिंग करने में आसानी हो रही है। जनपद में कन्ट्रोलरूम आईटीडीए में स्थापित किया गया है। जहां पर 24 घण्टे सेवाएं दी जा रही हैं,जहां से सम्पूर्ण जनपद की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जिससे मरीजों व उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो कन्ट्रोलरूम से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए प्रत्येक दिन उप जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ ही सीएचसी एवं पीएचसी के चिकित्साधिकारियों के साथ वीडियोकान्फ्रेसिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी क्षेत्र के चिकित्सालय के चिकित्सकों से भी विचार विमर्श किया जा रहा है ताकि कोविड-19 के संक्रमण पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु नोडल अधिकारी भी नामित किये गये हैं, जिनमें चिकित्सा प्रबन्धन एवं कोविड केयर सेन्टरों की गतिविधियों हेतु मुख्य विकास अधिकारी, कान्टेक्ट टेªसिंग एवं बार्डर पर सैम्पलिंग हेतु अपर जिलाधिकारी प्रशासन, होम आयशोलेशन की व्यवस्थाओं हेतु अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाॅल तथा कन्टेंनमेंट जोन की व्यवस्था हेतु अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा नगर निगम एवं शहरी व्यवस्था हेतु नगर मजिस्टेªट को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कोविड-19 के मरीजों हेतु 1469 आॅक्सीजन बैड तथा 285 आईसीयू बैड बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि कन्टेनमेंट जोन में पाये गये कोविड मरीजों के घरों पर स्टीकर चस्पा किया जा रहा है तथा होम आयसोलेशन लोगों को मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में आॅल इण्डिया मेडिकल सांइस (एम्स) के डाॅ गिरीश सिधवानी एवं उप निदेशक डाॅ0 निशान्त, मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ अनूप कुमार डिमरी, अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल, अरविन्द पाण्डेय एवं गिरीश चन्द्र गुणवन्त, दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाॅ आशुतोष सयाना, डाॅ राजीव दीक्षित, डाॅ एन.एस खत्री, डाॅ अनुराग अग्रवाल समेत कई अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।।