चुनौतियों को अवसर में बदलने को सार्थक संवाद का माध्यम बनी उत्तराखंड यंग थिंकर्स मीट

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देहरादून। उत्तराखंड समाज से जुड़े दिग्गजों एवं ऊर्जावान जागरूक युवाओं के बीच सार्थक संवाद उत्तराखंड यंग थिंकर्स मीट के माध्यम से आशा का सूरज दिखा गया। राम माधव (राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा, निदेशक इंडिया फाउंडेशन) त्रिवेंद्र सिंह रावत ( मुख्यमंत्री उत्तराखंड), शौर्य डोभाल (फाउंडर इंडिया फाउंडेशन), श्वेता रावत (चेयर पर्सन हंस फाउंडेशन), मंगेश घिल्डियाल (युवा आईएएस अधिकारी), दीपक रमोला ( एंबेस्डर यूनेस्को) मुकुंद प्रसाद (निदेशक लाइजर होटल), जयराज (अधिकारी वन विभाग)  अन्नपूर्णा नौटियाल ( उपकुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय), पायल गुप्ता (लेफ्टिनेंट कमांडर इंडियन नेवी), मनजीत नेगी ( उप संपादक आज तक इंडिया टुडे), भूपेंद्र कैंथोला (निदेशक एफटीआईआई पुणे), मनीषा पांडे (फाउंडर विलेज वेज) जैसे समाज के अग्रणी व्यक्तियों के विचार तो उत्तराखंड के संदर्भ में युवाओं ने जाने ही, उनसे जमकर प्रश्न भी पूछे।
  उत्तराखंड यंग थिंकर्ज फोरम व पंडित दीन दयाल उपाध्याय ऐक्शन व रिसर्च सॉसायटी द्वारा आयोजित प्रथम उत्तराखंड यंग थिंकर्ज मीट के समापन सत्र को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सम्बोधित किया। वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन आज पूरे देश से जुड़े उत्तराखंड के युवाओं को आशीर्वचन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा समाज का रूख मोड़ने की शक्ति रखते हैं और उत्तराखंड का युवा जिस दिन इस शक्ति को पहचान लेगा तो प्रदेश की प्रगति की गति बदल जाएगी। समाज जब किसी पहल को अपना लेता है तो वह जान आंदोलन बन जाता है। उसको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसे किसी भी आंदोलन में युवाओं की अग्रणी भूमिका है। 18 मार्च 2017 को पद संभालने के बाद उन्होंने जल संरक्षण का कार्य जन सहभागिता से आरंभ किया। कोसी नदी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इसके जल स्रोत के 18 सोर्स थे जो घटकर केवल 8 रह गए। वर्तमान सरकार ने जन सहभागिता के द्वारा वहां 1 घंटे में 100000 पौधे लगाने का लक्ष्य लिया था ताकि इसके स्त्रोत को रिचार्ज किया जा सके। वृक्षारोपण के इस प्रयास को गाँव के युवाओं ने इतना सफल बनाया कि एक घंटे में 1 लाख 66 हजार पेड़ लगाए। वर्तमान सरकार ने शासन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बहुत कोशिश की है, युवाओं और पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग अलग विचारधारा के चलते राजनीतिक प्रतिस्पर्धा हो सकती है पर सही काम में सभी की भागीदारी आवश्यक है। मुख्यमंत्री के अनुसार उत्तराखंड ऐसा पहला प्रदेश है। जहां 500 विद्यालयों  104 डिग्री कॉलेजों  में वर्चुअल क्लास  संचालित की जा रही है। साथ ही ई पुस्तकालय को भी  आरंभ किया गया है जिसमें 135000 पुस्तकें डिजिटली उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मंत्रिमंडल ई मंत्रिमंडल है और सचिवालय के 16 कार्यालय ई कार्यालय जिलाधिकारी देहरादून का कार्यालय भी ई कार्यालय किया जा चुका है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में ई विधानसभा प्रस्तावित है ताकि जम्मू कश्मीर की तरह देहरादून गैरसैण के बीच में अनावश्यक फाइलों को ना ले जाना पड़े और अनावश्यक व्यय ना करना पड़े। ई सिस्टम के द्वारा हम भ्रष्टाचार रोक सकेंगे।
  उन्होंने उत्तराखंड यंग थिंकर्ज फोरम की पूरे प्रदेश के युवाओं को एक मंच पर लाने की इस पहल को सराहा और कहा कि युवा थिंकर्ज अपने चिंतन, लेखों और कार्यों के माध्यम से दीर्घकाल तक प्रदेश और देश की दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे मन, वचन और कर्म तीनों से उत्तराखंड के विकास में साथ दें, स्वरोजगार कर और दो युवाओं को रोजगार दे मुख्यमंत्री के अनुसार उन्हें सलाह दी जाती है कि वे कुछ बेरोजगारी भत्ता युवाओं को दें पर उनका स्थिर मत है की स्वरोजगार ही युवाओं के लिए अच्छा है युवाओं को कुछ समय के लिए अंडे देने से अच्छा है की मुर्गी प्रदान की जाए ताकि अंडे निरंतर  मिलते रहे रोजगार पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने हिमाचल का उदाहरण दिया जहां सरकारी नौकरियों के कारण बजट का 90ः नॉन प्लान में जाता है हम देना भी चाहे तो भी सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित है और युवा बहुत अधिक। मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र  में सरकार द्वारा किए जा रहे टिहरी झील, टयूलिप गार्डन अल्मोड़ा, हरिद्वार में देवी की रिप्लिका तथा 13 जिलों में 13 नए डेस्टिनेशन बनाने का जिक्र  करते हुए इससे रोजगार सृजन की बात की। वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को आज मनजीत नेगी, भूपेंद्र कैंथोला, मनीषा पांडे ने भी संबोधित किया। संवाद हेतु मंच प्रदान करने के लिए सभी वक्ताओं एवं युवा भागीदारों ने उत्तराखंड यंग थिंकर्ज फोरम की संयोजक नेहा जोशी व टीम मेम्बर्ज अखिलेश रावत, कृतार्थ उनियाल, पवन पांडेय, हेमंत भट्ट, रमेश जोशी, अखिलेश प्रताप रावत, अभिनव रावत, वैभव उनियाल, अर्चित डावर, आशीष व आशुतोष त्रिपाठी का आभार व्यक्त किया।

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