उत्तरकाशी मे स्व गोपाल सिंह रावत के निधन के बाद गंगोत्री विधान सभा मे विधायक की कमी खलने लगी है | तमाम सरकारी योजनाओ मे जहा विधायक को आगे रखकर कम होना था, वही गंगोत्री 6 महीने के लिए अनाथ महसूस कर रही है, हालांकि युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा कभी प्रभारी मंत्री तो कभी कोविड प्रभारी मंत्री को मौके पर भेजा जाता रहा है, इसके बाद भी विधायक की खाली कुर्सी पर नजर अटक ही जाती है |
आपदा के दौर मे जहा लोगो को विधायक ने दौड़ दौड़ कर लोगो को सुनना था, वहा भी कमी साफ तौर पर देखि जा सकती है | ऐसे मे उत्तरकाशी डीएम पर दोहरी ज़िम्मेदारी आन पड़ी है, एक तरफ प्रशासनिक ज़िम्मेदारी तो वही मौके पर विधायक की कमी को भी दूर करने का प्रयास | मुख्यमंत्री से बीज मंत्र मिलने के बाद डीएम उत्तरकाशी का ऑफिस के बजाय फील्ड दौरा बढ़ गया है | दरअसल कलक्ट्रेट तक जिले के महज 15 फीसद तेज तर्रार लोग ही आ पते है बाकी 85 % लोग अपने काम से काम रखते है अथवा इन्ही 15% लोगो के पास अपनी अर्जी भिजवाते है | अब डीएम को फील्ड मे जाते देख आम लोग भी उनसे मिल पा रहे है और लोगो की दिक्कतों का मौके पर ही समाधान भी मिल रहा है और तमाम कार्यो की रिपोर्ट सीएम ऑफिस को भी भेजी जा रही है | उत्तरकाशी की जनता अपने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उस केन्द्रीय नेतृत्व का भी धन्यवाद करती है जिन्होने राजधानी देहारादून से अपनी तेज नजर से उत्तरकाशी गंगोत्री वन सभा की इस पीड़ा को समझा और डीएम को ऑफिस से बाहर आकार मैदान मे डटने का फॉर्मूला समझाया | आखिर 2022 मे जनता से जुड़े मुद्दो पर ही चुनाव लड़ा जाना है, गंगोत्री के साथ सरकार बनाने का मिथक जुड़ा है , विधायक गोपाल सिंह रावत को गंगोत्री विधान सभा खो चुकी है, ऐसे मे डीएम उत्तरकाशी को कुम्हार की तर्ज पर बर्तन बनाने है, एक अंदर से विधायक की भूमिका मे हल्का हाथ सहलाते हुए और बाहर से प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर हल्के हथौड़े की चोट ताकि व्यवस्था भी बनी रहे |
जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित मंगलवार को आपदा प्रभावित गांव निराकोट पहुंचे। बीते दिनों निराकोट गांव में आयी आपदा से क्षतिग्रस्त निजी व सार्वजनिक परिसम्पत्तियों का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। ग्रामीणों के साथ बैठक कर समस्याओं का हर सम्भव मदद का भरोसा दिया।
जिलाधिकारी ने निराकोट में तात्कालिक रूप से कराए जा रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। ग्रामीणों की मांग पर घरों के लिए खतरा बने चीड़ के पेड़ तीन दिन के भीतर हटाने के निर्देश वन विभाग को दिए। राकेश पुत्र कुलदीप के मकान के पास सुरक्षात्मक कार्य तेजी के साथ करने के निर्देश सिचाई विभाग को दिए। विस्थापन के लिए शीघ्र जियोलॉजिस्ट से सर्वे कराने का आश्वासन ग्रामीणों को दिए। ग्रामीणों के आवागमन के लिए पैदल मार्गों एवं गांव को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण आरसीसी की तीन पुलियों का निर्माण यथा शीघ्र कराने के निर्देश सिचाई विभाग को दिए। ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति के लिए बनी वैकल्पिक पेयजल लाइन के स्थान पर स्थाई पयेजल योजना का निर्माण 15 सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों की मांग थी कि और अतिरिक्त सुरक्षा की सामग्री गांव में दी जाय जिसे शीघ्र ही भेजा जाएगा। सड़क मार्ग को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी को बताया गया कि लोक निर्माण विभाग से आपसी समन्वय स्थापित करते हुए समस्त औपचारिकता तत्काल पूर्ण करें ताकि गांव के लिए सड़क आने की जो सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है उसकी कार्यवाही आगे बढ़ सके।
इस दौरान उप जिलाधिकारी भटवाड़ी देवेंद्र सिंह नेगी, अधिशासी अभियंता जल निगम मुकेश जोशी,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल,खंड विकास अधिकारी दिनेश चंद जोशी,ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं सहित ग्रामीण उपस्थित थे।