मोबाईल के बढ़ते प्रचलन व नशाखोरी के प्रभाव मे किताबों से निरन्तर दूर होते जा रहें बच्चों के लिए उत्तरकाशी डीएम ने एक सौगात दी हैं। बच्चों के अन्दर पढ़ने की रूची पैदा करने व उनके अनुरूप अध्ययन सामाग्री उपलब्ध कराने हेतु जिला पुस्तकालय को आकर्षित व आधुनिक बनाया गया हैं। ताकि बच्चों का ध्यान किताबों के अध्ययन की ओर आ सकें। तथा ऐसे बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर है और किताबे खरीद नहीं कर पाते है वे भी लाइब्रेरी में आकर अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे|प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों,शोध कर्ताओं,किताब पढ़ने वाले शौकीन पाठकों को शुक्रवार को आधुनिक पुस्तकालय के रूप में बड़ी सौगात मिली। जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने जिला पुस्तकालय का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल व जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चौहान भी उपस्थि रहें। 13 लाख की लागत से जिला पुस्तकालय का सौन्द्रीयकरण/रूपान्तरण कार्य कर लाइब्रेरी को आधुनिक स्वरूप में बनाया गया हैं। जिसमें 45 हजार से अधिक किताबों के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं जैसी नवीन अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें छात्र-छात्रओं व पाठकों के लिए अहम साबित होगी।
जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने पुस्तकालय उद्घाटन के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देना व नौजवानों को रोजगार से जोड़ना माननीय मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकताओं में है। इसी परिपेक्ष्य में जिला पुस्तकालय में विभिन्न प्रतियोगी व बहुउपयोगी किताबों का संकलन किया है। जिसका पाठकों समेत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं को भी लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त मोबाईल के बढ़ते प्रचलन व नशाखोरी के चलते बच्चे किताबों से निरन्तर दूर होते जा रहें हैं। बच्चों के अन्दर पढ़ने की रूची पैदा करने व उनके अनुरूप अध्ययन सामाग्री उपलब्ध कराने हेतु पुस्तकालय को आकर्षित व आधुनिक बनाया गया हैं। ताकि बच्चों का ध्यान किताबों के अध्ययन की ओर आ सकें। तथा ऐसे बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर है और किताबे क्रय नहीं कर पाते है वे भी लाइब्रेरी में आकर अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला पुस्तकालय के अलावा पुस्तकालय की शाखा बड़कोट, चिन्यालीसौड़, भटवाड़ी की लाइब्रेरी को भी चरणवार रूप से आधुनिक बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रामीण स्तर पर भी सौ से अधिक पुस्तकालय खालेने का लक्ष्य रखा गया हैं। ताकि ग्रामीण बच्चें अपने गांव में ही प्रतियोगी परीक्षाओं आदि से संबंधित किताबों का अध्ययन कर सकें।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जिला पुस्तकालय में सीसीटीवी कैमरे व कम्प्यूटर लगाने तथा नई आलमारियां क्रय करने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने कोविड-19 में ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को खोया है उन्हें पुस्तक किट वितरित की।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद प्रसाद सेमल्टी, जिला शिक्षाधिकारी रामेन्द्र कुशवाह,जितेन्द्र सक्सेना, मीडिया प्रभारी भाजपा विजयपाल मखलोगा, वार्ड सभासद गीता रावत, मनोज चौहान, प्रभारी पुस्तकालय अखलानन्द भट्ट सहित अन्य उपस्थित थे।