उत्तराखंड के प्रमुख चार धाम मे से दो गंगोत्री और यमुनोत्री जिस जिले मे पड़ते है, ये उसी जिले का प्रवेश द्वार है | तामाखानी सुरंग के पास पुरानी सड़क पर गंगा नदी के ठीक ऊपर कूड़े का ढेर अब पहाड़ बन चुका है | दरअसल गंगोरी, कन्सेन तिलोथ अथवा माँड़ो सभी स्थानो पर कूड़ा ट्रीटमंट प्लांट लगाने के खिलाफ न्यायालय से स्टे मिल गया है, जबकि गंगा भागीरथी के ठीक ऊपर तामाखानी के पास कूड़े के ढेर पर न तो पर्यावरणविदो ने और न न्यायालय ने कभी सज्ञान लिया | हालात ये है कि अब ये कूड़ा बरसात के दिनो मे ओवर फ़्लो होकर सीधे गंगा नदी मे ही मिल रहा है |
एक वर्ष पूर्व कॉंग्रेस पार्टी ने इस स्थान पर कूड़े के ढेर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था | उस वक्त पूर्व विधायक विजयपाल सजवान ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार नगर पालिका मे कॉंग्रेस पार्टी के बोर्ड अध्यक्ष के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है , और बीजेपी के विधायक सांसद भारी मतो से जीतने के बाद भी कूड़े की व्यवस्था नहीं कर पा रहे है |
एक वर्ष पूर्व जब गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत स्वस्थ थे और हमारे बीच थे तब कॉंग्रेस नेता विजयपाल सजवान के बयान का उन्होने इस अंदाज मे जबाब दिया था |
कूड़ा निस्तारण के लिए नगर पालिका की तरफ से जारी टेंडर के बाद नगर के कूड़े को ज़ीरो वेस्ट मे बदलने के लिए अप्रूव फ़र्म के अपने तर्क है | फ़र्म के पास न तो किलिंग मशीन है और न पर्याप्त स्थान |
उत्तरकाशी नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने चुनाव प्रकार के दौरान घोषना की थी कि वे रामलीला मैदान से शब्जी मंडी और पार्किंग हटाकर वहा हरी घास उगाएँगे, जिसके बाद मैदान का उपयोग सिर्फ खेल कूद, सांस्कृतिक गतिविधियो और जन सभाओ के लिए ही किया जाएगा | एक वर्ष पूर्व हमने पालिका अध्यक्ष को उनके वादे की याद दिलाई थी तो उस वक्त क्या कहा था – आप भी सुनिए –