प्रदेश मे न्याय व्यवस्था को चुस्त दुरस्त करने के साथ आम गरीब असहाय लोगो के लिए समान सूप से उपलब्ध करने के लिए मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पहल पर उत्तरकाशी जनपद के लिए मोबाइल कोर्ट वैन की सुविधा दी जा रही है | इस मोबाईल ई-कोर्ट का शुभांरभ 15 अगस्त को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री आरएस चौहान द्वारा किया जा रहा है | सुदूर इलाके के गरीब और असहाय लोगो के द्वार पर ही ई कोर्ट इंटरनेट सुविधा के साथ पहुचेगी इसके बाद गवाहो का कोर्ट मे आने जाने का खर्चा और समय दोनों बचेंगे और न्याय भी जल्द मिल सकेगा | उत्तर भारत में पहला प्रदेश है जहॉ मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन किया जा रहा है। मोबाईल ई-कोर्ट पूरी सुविधाओं से लेस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर इन्टरनेट, कम्प्यूटर, प्रिन्टर, अन्य उपकरण सहित सहित न्यायालय समन्वयक भी होंगे। दूरस्थ क्षेत्रों के गवाहों, आईओ, चिकित्सकों को उनके क्षेत्र में ही वैन में बैठाकर उनको वीसी के माध्यम से सीधे कोर्ट से जोड़ा जायेगा व उनके बयान अभिलिखित किये जायेंगे।
15 अगस्त को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर माननीय मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड उच्च न्यायालय श्री राघवेंद्र सिंह चौहान मोबाइल कोर्ट वैन का करेंगे शुभारंभ। जनपद उत्तरकाशी को मिलेगा लाभ।
● दी गई लिंक https://youtu.be/jqwglk3lka4
के माध्यम से उच्च न्यायालय नैनीताल से देखे सीधा प्रसारण।
उत्तरकाशी में मोबाइल ई-कोर्ट का होगा शुभारंभ, न्याय जनता के द्वार अवधारणा होगी साकार। मोबाईल ई-कोट का शुभांरभ 15 अगस्त को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री आरएस चौहान द्वारा किया जायेगा।
जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए वादो के त्वरित निस्तारण हेतु यह योजना संचालित की जा रही है। ई-मोबाइल कोर्ट का उद्देश्य जनता को उनके द्वार जाकर त्वरित न्याय देना है।
आगामी 15 अगस्त को माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा ई-कोर्ट मोबाइल वैन को हाईकोर्ट परिसर से उत्तरकाशी के लिए रवाना किया जायेगा। दहेज, छेड़-छाड़, दुष्कर्म व अन्य वादो में महिला, बच्चे, वृद्ध साक्षी, चिकित्सक, अन्वेषण अधिकारी (आईओ) को अदालत पहुचने में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों की वजह से न्याय मिलने में अधिक समय लग जाता है। त्वरित न्याय के सिद्धान्त को हकीकत में बदलने के लिए मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन मुख्य न्यायाधीश की विशेष पहल है। इससे गवाहों के साथ ही न्यायालय का भी समय बचेगा। उत्तर भारत में पहला प्रदेश है जहॉ मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन किया जा रहा है। मोबाईल ई-कोर्ट पूरी सुविधाओं से लेस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर इन्टरनेट, कम्प्यूटर, प्रिन्टर, अन्य उपकरण सहित सहित न्यायालय समन्वयक भी होंगे। दूरस्थ क्षेत्रों के गवाहों, आईओ, चिकित्सकों को उनके क्षेत्र में ही वैन में बैठाकर उनको वीसी के माध्यम से सीधे कोर्ट से जोड़ा जायेगा व उनके बयान अभिलिखित किये जायेंगे।
दूरस्थ क्षेत्रों की जो महिलाऐं, बच्चे, वृद्ध गवाह न्यायालय आने में किसी वजह से असमर्थ हैं, वे सम्मन तामिली व्यक्ति के साथ ही राजस्व कर्मी, पीएलवी, ग्राम विकास अधिकारी, न्यायालय समन्वयक आदि को अपना प्रार्थना पत्र लिखित रूप में दे सकते हैं। इस आशय की जानकारी प्रभारी न्यायाधीश उत्तरकाशी द्वारा दी गई।