कुछ देर खड़े चार पहिया वाहन पर भारी जुर्माना और सड़क मे पड़े कबाड़ पर चुप्पी ?
सड़क पर समान फैलाने वालों पर पुलिस और राजस्व विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल
गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे तीर्थ स्थलों के बेस कैंप के रूप में उत्तरकाशी नगर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन कितना संजीदा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस मोटर व्हीकल को सड़क पर चलने का लाइसेंस है , अगर वह सड़क के किनारे कुछ देर के लिए अपना गाड़ी पार्क करता है , तो तत्काल उसे पुलिस द्वारा चालान, जो कम से कम ₹1000 का होता है , भुगतना पड़ता है । वहीं दूसरी तरफ नेशनल हाईवे के बीचो बीच सड़क पर बैठकर वेल्डिंग कटर और लोहे का सामान फैला कर बैठे कुछ लोगो को खुली छुट मिली हुई है । इतना ही नहीं इनका तैयार माल भी सड़क के किनारे उसी स्थान पर पड़ा रहता है लोहे की कटर की आवाज से पास मे जिला अस्पताल मे मरीजो और असस के होटल मे ठहरे पर्यटको को मुसीबत का समाना करना पड़ता है ।
जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में बैठने वाले डीएम, एसडीएम एडीएम और पुलिस के बड़े अधिकारी भी इसी सड़क से होते हुए गुजरते हैं । मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी जब शिकायत की गई उसके बाद पुलिस ने इस व्यक्ति का चालान किया और एसडीएम भट वाड़ी कोर्ट में वाद संख्या 04 -2021 धारा 133 दंड प्रक्रिया संहिता मे मामला न्यूसेंस में दर्ज हुआ, लेकिन केस दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी एक बार भी एसडीएम कोर्ट में पेशी पर मौजूद नहीं हुए ऐसे में केस खारिज होने की संभावनाएं बढ़ रही हैं । वहीं नेशनल हाईवे पर इसी तरह के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं जो न सिर्फ ट्रैफिक मे व्यवधान कर रहे है बल्कि एक्सिडेंट का भी खतरा बाधा रहे है
गलियों से घर जाने वाले छोटे बच्चों के लिए भी चोट लगने का कारण बन रहे हैं बड़ी बात यह है कि जब गाड़ियों का चालान हो सकता है तो सड़क के किनारे इस तरह के लोहे के बड़े-बड़े सामान रखने पर आखिर चालान क्यों नहीं होता है मामला दर्ज होने पर पुलिस क्यों चुप्पी साध लेती है? क्या सड़क पर लाइसेंस लेकर चलने वाले वाहनों वाहन स्वामियों से ही पुलिस को जुर्माने की धनराशि वसूलने में मजा आता है?