उत्तरकाशी के चिन्याली में गंगा भागीरथी में खच्चर वालो को रेत बजरी उठाने में पुलिस द्वारा रोके जाने का मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद और भी गरमा गया है | खच्चर वालो ने आरोप लगाया कि डंपिंग के लिए मिली अनुमति की आड़ में देवीसौड पुल कि नीव के पास मशीन से खनन कार्य किया जा रहा था , जबकि पुरखो से अपने हक़ – हकूक की रेत बाजरी उठाने वालो को बेवजह रोका जा रहा है, जबकि इसके लिए उन्होंने बैंक से ऋण भी लिए है | मामले में एसडीएम से संपर्क नहीं होने से क्वेरी की वैधानिकता स्पष्ट नहीं हो पायी है |
उत्तरकाशी के चिन्याली में रेत के बाजार पर खच्चर वालो को रेत बजरी नहीं उठाने देने का मामला गरमा गया है | शनिवार को एक कार्यक्रम में महिला स्वय सहायता समूह को सम्मानित करने मल्ली बधान गाव जा रहे डीएम उत्तरकाशी मयूर dixit को खच्चर यूनियन ने अपनी समस्या बताई | जिसके बाद डीएम ने उन्हें एक ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्या लिख कर देने कि बात कही है |
बताते चले कि गंगा भागीरथी पर चिन्यालीसौड के पास झील का जल स्तर घटने के बाद रेत बजरी की नीलामी से सरकार को राजस्व मिलता है | वही गंगा पार दिचली गमरी और इस तरफ बिष्ट पट्टी के ग्रामीण भी अपने हक़ हकूक के तौर पर गंगा से रेत बाजारी का उठान पिछली तीन पीढियों से करते आ रहे है | इसके लिए उन्होंने बाकायदा बैंक से ऋण भी लिया है | आरोप है कि विगत कुछ दिनों से धरासू थाने की पुलिस खच्चर वालो को रेत उठाने से रोक रही थी | जिसके बाद इलाके में मौजूद दो खच्चर मालिक समिति को मिलकर एक बड़ी समिति का गठन किया गया और डीएम उत्तरकाशी को ज्ञापन भेजा गया | ग्रामीण अरविन्द सिंह चौहान ने बताया कि खच्चर संचालको ने डीएम उत्तरकाशी को बताया कि क्वेरी मालिको को सिर्फ डंपिंग के लिए कुमराडा गाव के पास अनुमति मिली है जबकि ये लोग देवीसौड के पास से अवैध रूप से खनन कार्य में लगे हुए थे जिससे करोडो खर्च कर तैयार पुल को भी खतरा बना हुआ है | डीएम ने ज्ञापन देने को कहा है उसके बाद ही कोई निर्णय लेने कि बात कही है | वही इस सन्दर्भ में SDM आकाश जोशी से संपर्क कर मामला जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया | जिससे यह स्पस्ट नहीं हो पाया कि खच्चर वालो के आरोप कितने सही है | बताते चले कि कोरोना काल के चलते दो महीने के लिए अनुमति बढ़ाने कि फाइल भी डीएम स्तर पर गतिमान है |