उत्तरकाशी : घर में बैठकर महिला और बच्चो के साथ मारपीट या गाली गलोच – कोर्ट के कटा सकता है चक्कर

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महामारी से निपटने के लिए लगाये गए covid कर्फ्यू के दौरान अपने अपने घरो में रहकर खाने पीने की अलग – अलग दिश तैयार कर खाइए किसी को कोई दिक्कत नहीं मगर ध्यान रहे कि खली बैठे बैठे घर कि महिला और बच्चो को तंग किया,  गली- गलोच या मार पीट की तो आपकी खैर नहीं | जिला विधिक सेवा की  तरफ से महिलाओ और बच्चो को क़ानूनी मदद के साथ निशुल्क वकील भी दिया जाता है | इसी कड़ी में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशानुसार सुश्री दुर्गा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम के विषय पर विडियों कांफ्रेंसिंग  के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

               उक्त विडियों कांफ्रेंसिंग में कोविड-19 महामारी में बढते हुये घरेलू हिंसा के मामलों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। सचिव  द्वारा बताया गया कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के अन्तर्गत पीडित को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है जिसमें उसके साथ किसी भी प्रकार का शाररीक दुव्र्यवहार, अपहानि, जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैंगिक दुव्र्यवहार, अपमान या तिरस्कार, गाली या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना इत्यादि किये हों।

               सचिव द्वारा बताया गया कि पीड़ित इस कानून के तहत किसी भी राहत के लिए आवेदन कर सकते हैं l जैसे संरक्षण आदेश, आर्थिक राहत, बच्चों के अस्थाई सरंक्षण का आदेश निवास या मुआवजे, पीड़ित संरक्षण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं या निःशुल्क कानूनी सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं।

पीड़ित पराविधिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी निःशुल्क अधिवक्ता हेतु प्रार्थना पत्र तैयार करवाकर प्राधिकरण को प्रेषित कर सकते हैं।

               उक्त विडियों काॅन्फ्रेसिंग कार्यक्रम में पराविधिक कार्यकर्ता व अन्य लोग द्वारा प्रतिभाग किया गया।  

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