*🏔️ “16 साल का सचिन फतह करता है एवरेस्ट, राजभवन में मिला महामहिम का सम्मान!” 🏅
🌄 सिर्फ 16 साल की उम्र, और दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर तिरंगा!
उत्तरकाशी के पीएमश्री राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज के छात्र कैडेट सचिन ने वो कर दिखाया है, जो लाखों युवा केवल सपना देखते हैं।
18 मई 2025 की सुबह 4:06 बजे, जब दुनिया नींद में थी — सचिन ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया।
🏅 राजभवन में राज्यपाल ने किया सम्मानित
देहरादून राजभवन में आयोजित समारोह में उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने सचिन को इस अद्वितीय उपलब्धि पर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने कहा,
🗣️ “सचिन आज उत्तराखंड ही नहीं, भारतवर्ष की युवा शक्ति का प्रतीक बन चुका है।”
🚩 सबसे युवा, सबसे ऊँचा – एवरेस्ट का सबसे कम उम्र का फतहकार!
- NCC Boys-Girls Mount Everest Expedition 2025 में सचिन बने सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
- उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा एवरेस्ट विजेता
- भारत, उत्तराखंड, एनसीसी और विद्यालय का झंडा लहराया एवरेस्ट पर

👏 गांव से एवरेस्ट तक – एक प्रेरणादायक सफर
सचिन का ताल्लुक दडमाली पुजारगांव, ब्लॉक डुंडा से है। सीमांत जिले उत्तरकाशी के इस होनहार ने अपने माता-पिता, गांव, स्कूल और पूरे राज्य को गौरव से भर दिया।
🎓 प्रधानाचार्य कैप्टन एल.पी.एस. परमार ने कहा,
“सचिन की उपलब्धि से हमारा विद्यालय ही नहीं, पूरी शिक्षा व्यवस्था गौरवान्वित है।”
📚 एक गौरवशाली परंपरा का हिस्सा
राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज उत्तरकाशी पहले भी पर्वतारोहण के इतिहास से जुड़ा रहा है:
- बचेंद्री पाल – पहली भारतीय महिला एवरेस्ट विजेता
- प्रवीन राणा – विश्व की 5 सर्वोच्च चोटियों पर फतह
और अब सचिन, जिन्होंने उस परंपरा को और ऊँचाई दी।

🎉 पूरा उत्तरकाशी गर्वित!
डीएम प्रशांत आर्य, सीईओ अमित कोटियाल, एनसीसी बटालियन कमांडर कर्नल मयंक धस्माना, और जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों ने दी बधाई।
🌟 युवाओं के लिए प्रेरणा का नया पर्वत
🗣️ “सचिन जैसे बच्चे हर युवा को ये याद दिलाते हैं – सपनों की ऊँचाई किसी उम्र की मोहताज नहीं होती।”
🔚 सोचिए – अगर सीमांत गांव का बच्चा एवरेस्ट पर चढ़ सकता है, तो हम क्या नहीं कर सकते?
हर पहाड़ चढ़ा जा सकता है… बस हौसला सचिन जैसा चाहिए।
✍️ रिपोर्ट: Meru Raibar News | उत्तरकाशी से
📢 “जहां उम्मीदें उठती हैं, वहां Meru Raibar पहुंचता है!”
