Uttarkashi \
जंगल कि जिनसे परिभाषा है आज उन्ही गावो तक संपर्क मार्ग बनाने के लिए फारेस्ट एक्ट के साथ ही फारेस्ट डिपार्टमेंट कि कार्य प्रणाली ही रोड़ा बनी हुई है | प्रधानमंत्री मोदी कि सभी गावो को सड़क से जोड़ने कि योजना को यहाँ वन महकमा जिस अंदाज में सडक निरमा करके दे रहा है उसे देखकर ग्रामीणों का कहना है कि इससे बेहतर तो पैदल पगडण्डी ही ठीक है | आखिर ऐसा क्या है इस सड़क में ?
उत्तरकाशी जिले के गाजना पट्टी अंतर्गत टिहरी जिले से लगे थांडी गाव से जालंग भरदार जाने के लिए वन विभाग द्वारा द्वारा निर्माणाधीन सडक कि गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवाल खड़े किये है | आरोप है कि सड़क निर्माण में सरकारी धन की बर्बादी कर घटिया गुणवत्ता से काम किया जा रहा है | पिछले चुनाव में ही थांडी गाव से अलग ग्रामसभा का दर्जा पाए गाव जालंग भरदार तक पहुच के लिए उत्तरकाशी वन प्रभाग के धौंतरी रेंज द्वारा 4 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है | ग्रामीणों का आरोप है सडक चलने लायक नहीं है साथ ही सड़क के किनारे मजबूत पुस्ता देने कि बजाय खुदाई से निकले कच्चे पत्थरो का बस ढेर लगा दिया गया है | सड़क पर वाहन चलने से कभी भी खायी की तरफ दबाव पड़ने से कोई हादसा हो सकता है| सामाजिक कार्यकर्ता अब्बल सिंह ने बताया कि कई बार विभाग को शिकायत की जा चुकी है पर कोई सुधार नहीं हुआ है | इलाके में बागी बीट के वनदरोगा एम्एस खरोला ने बताया कि वन विभाग की सड़क ऐसी ही बनायीं जाती है जिसमे न तो बेस कोट पड़ता है और न ब्लैक टॉप, साथ ही सडक के किनारे खाई की तरफ पुस्ते का भी कोई प्राविधान नहीं है | उन्होंने बताया कि 11 लाख कि लागत से तीन किमी सडक का निर्माण अप्रैल महीने में पूर्ण हो जायेगा