अतिथि देवो भव के स्लोगन के साथ चलने वाली उत्तराखंड की पुलिस का दूसरा विकृत चेहरा आज हम आपको दिखाने जा रहे है । चार धाम यात्रा के दौरान नाके पर पुलिस जे जवान शराब के नशे मे खड़े होकर यात्रियो की गाड़ी रोकते है और 100 रुपये की एंट्री फीस मांगते है । तो क्या यही है मित्र पुलिस का आतिथ्य भाव ?
सोशल मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा ये विडियो चार धाम यात्रा मे लगी पुलिस के रवैये को दर्शाती है । सूत्रो की माने तो ये विडियो उत्तरकाशी जिले के बड़कोट का है जो यमनोतरी धाम का बेस कैंप है , हालांकि हम इस विडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहे है , ये जांच के बड़ ही स्पष्ट हो सकेगा कि ये मामला कहाँ का है और इसमे दिखने वाले पुलिस कर्मी कौन है । उत्तरकाशी पुलिस कप्तान ने इस खबर का सज्ञान लेते हुए जांच के बाद दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही का भरोषा दिलाया है ।
वायरल विडियो मे दिखाई दे रहा है कि चौक पर पुलिस कर्मी से महिला उसे बेवजह रोके जाने पर सवाल पूछ रही है साथ ही पुलिस कर्मियों द्वारा 100 रुपए मांगे जाने के सवाल के जबाब मे वहा मौजूद वर्दी धारी इसे एंट्री फीस बता रहा है । इस बीच कई अन्य गड़िया वहा आती है जिनके पेपर देखने के बाद उन्हे जाने दिया जा रहा है जबकि महिला कह रही है कि उसकी गाड़ी मे 5 महिलाए है और उसकी मततजी बीमार है फिर भी उसे रोके जाने की वजह पुलिस कर्मी द्वारा नहीं बताई जा रही है ।
एक तरफ जहा उत्तराखंड सरकार यात्रियो को नाके पर कम से कम रोके जाने को लेकर ग्रीन कार्ड ईसु कर रही है और ऑनलाइन पंजीकरण कि सुविधा दे रही है वही धरातल पर कुछ पुलिस कर्मी मित्र पुलिस कि छवि को दागदार करने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है । हालांकि सभी पुलिस कर्मी एक जैसे नहीं है हमने उत्तराखंड पुलिस के उन जवानो की भी तस्वीरे दिखाई है जिनहोने हार्ट अटैक से पीड़ित यात्रियो को तत्काल अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पाहुचाया और उनकी जान बचाई, लोगो के खोये लाखो रुपये से भरे पर्स लौटाए और पानी मे डूब रहे यात्रियो को अपनी जान पर खेल कर बचाया । फिर भी तालाब कि कुछ तालाब की गंदी मछलियो को पूरे तालाब को गंदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है । इस संबंध मे हमने उत्तरकाशी के पुलिस कप्तान अपर्ण यदुवंशी से बातचीत की जिनहोने बताया कि किस पॉइंट पर यात्रियो को क्या क्या पेपर दिखाये जाने कि जरूरत है ।