उत्तरकाशी
उत्तरकाशी नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल को अपनी चुनावी घोषणा पर अमल करना अब मुसकिल दिखाई दे रहा है | नगर पालिका अपनी मूल ज़िम्मेदारी कूड़ा निस्तारण मे भी अभी तक सफल नहीं हो सकी है | हैरानी की बात ये है कि गंगा के उद्गम उत्तरकाशी मे गंगा प्रदूषण के नाम पर सड़क चौडीकरण प्रोजेक्ट और जल विद्धुत परियोजना तो बंद हो सकते है पर गंगा के सामने तामा खानी के पास कुड़े का ढेर आसानी से लगाया जा सकता है | गंगा के किनारे इस कुड़े के ढेर पर सभों पर्यावरणविद चुप्पी साधे बैठे है | पिछले महीने हाइ कोर्ट के मुख्य न्यायधीस के उत्तरकाशी- गंगोत्री भ्रमण के दौरान लोगो को उम्मीद थी कि आंखो मे पट्टी बांधे न्याय के देवता तक कोई इस बात को जरूर पहुचाएगा अथवा न्याय दे देवता स्वतः सज्ञान लेकर इस काशी को कोई राहत जरूर देंगे, किन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ | नगर पालिका भी जिला प्रसासन पर स्थान दिलाने न दिलाये जाने की बात कहकर अपनी टोपी बादल लेता है जबकि प्रसासन द्वारा उपलब्ध जगह पर कूड़ा डाले जाने का विरोध सुरू हो जाता है दरअसल कुड़े की इस गंदगी मे सिर्फ आप हम और स्वीपर ही नहीं बल्कि कड़े बड़े दिग्गज लोग अपनी राजनीति को धार देने मे लगे है | समय समय पर अलग अलग राजनैतिक दलो द्वारा भी कुड़े की राजनीति को अपने अनुसार परिभाषित किया जाता रहा हैं |
उस वक्त नगर पालिका उत्तरकाशी मे कड़ी चुनावी स्पर्धा को देखते हुए चुनाव दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे वर्तमान पालिका अध्यक्ष ने आम जन सभा मे आँसू निकालते हुए कई घोषणा की थी जिनमे रामलीला मैदान मे हरी घास बिछाने का काम भी सामिल था , लाख जनत करने के बाद भी पालिका अध्यक्ष इस घोषणा पर अमल नहीं कर सके | पिछले दिनो नगर वासियो को दीपावाली कि शुभकामना देते हुए उन्होने फिर से घोषणा की थी कि 15 जनवरी से से मैदान मे हरी घास लगाने के टेंडर आमंत्रित करेंगे और यदि जिला प्रशासन से सहयोग नहीं मिला तो वे वही पर धरने पर बैठ जाएंगे |
डीएम उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि किसी भी सूरत मे रामलीला मैदान को ओपन स्पेस के रूप मे ही रखा जाना चाहिए ताकि इसे खेल कूद, सांस्कृतिक गतिविधियो और जन सभाओ के लिए पूर्व कि भांति उपयोग मे लाया जा सके | मैदान मे पार्किंग के सवाल पर डीएम ने बताया कि रामलीला मैदान के पास ही प्रस्तावित बसअड्डा की डीपीआर शासन मे स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है, जिसके बाद मैदान से सभी वाहनो को बस अड्डे मे ही पार्क किया जा सकेगा तब तक यथा स्थिति चलती रहेगी | पार्किंग पर तो पालिका और जिला प्रशासन ने अपना नजरिया स्पष्ट कर ही दिया जिसमे मैदान को खाली रखने के पक्ष मे दोनों ही संस्थान दिखाई देते है पार्किंग कि समस्या भी देर सबेर बस अड्डा निर्माण के बाद दूर हो ही जाएगी, पर शब्जी मंडी और ठेली फड़ी को लेकर किसी के पास कोई ठोस योजना नहीं है |