विकास नगर
विकासनगर तहसील पर किसानों का जोरदार प्रदर्शन|
विकासनगर में लम्बे समय से होलिका दहन के लिए उपयोग में आने वाली जमीन पर क़ानूनी लडाई जीतने के बाद भी जब SDM विकासनगर जमीन खाली नहीं करा सकी तो गुस्साए ग्रामीण प्रदर्शन करते हुए तहसील में घुस गए | पहले तो ग्रामीणों को गेट के अन्दर प्रवेश ही नहीं करने दिया गया | विरोध बढ़ने के बाद ग्रामीण तहसील पहुचे तो क्वारंटीन होने कि बात कहते हुआ sdm ने ग्रामीणों से मिलने से ही इनकार कर दिया
सहसपुर विधानसभा अन्तर्गत शेरपुर गांव में लंबे समय से होलिका दहन नहीं हो पा रहा है| बताया जा रहा है कि उक्त भूमि पर भूमाफियाओ का अवैध कब्जा है, ग्रामीणों ने होलिका दहन स्थल से भूमाफिया का कब्जा हटाने के लिए तेरह वर्ष लंबा संघर्ष व कानूनी लड़ाई लड़ी जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला ग्रामीणों के पक्ष में सुनाते हुए जमीन पर होली दहन का आदेश दिया था , उसके बाद कमिश्नर ने भी फैसला ग्रामीणों के पक्ष में ही सुनाया साथ ही पूर्व उपजिलाधिकारी विकासनगर ने भी कब्जाधारियों को नोटिस जारी किये थे | बावजूद इसके विकासनगर तहसील प्रशासन होलिका दहन स्थल की भूमि को कब्जाधारियों से खाली नहीं करा पा रहा है जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने आज तहसील विकासनगर का घेराव किया व जमकर नारेबाजी भी की| ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि इस बार विवादित भूमि पर ही होलिका दहन किया जायेगा | इस दौरान अगर कोई भी अप्रिय घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी तहसील व जिला प्रशासन की होगी| वही उपजिलाधिकारी विकासनगर ने मिलने आये ग्रामीणों से मिलना भी जरुरी नहीं समझा जिसके बाद ग्रामीणों का पारा और चढ़ गया ओर उन्होंने उपजिलाधिकारी मुर्दाबाद के नारे तक लगा डाले | ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन पर भूमाफियाओं के साथ सांठगांठ का आरोप
भी लगाया है| ग्रामीणों से मिलने पहुंची
तहसीलदार साधना सक्सेना को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा| उन्होंने बताया कि
उपजिलाधिकारी क्वारन्टाइन है, जिस वजह
से वह बाहर नहीं आ रही है | इस दौरान ग्रामीणों की तहसील के सुरक्षाकर्मियों से भी तीखी बहस हुयी| सुरक्षाकर्मियों द्वारा ग्रामीणों को तहसील परिसर में नहीं आने दिया जा रहा था तो ग्रामीणों ने तहसील के गेट पर भी तहसील प्रशासन, जिला प्रशासन व उपजिलाधिकारी विकासनगर मुर्दाबाद
के नारे लगाये| तब कही विकासनगर
उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों को परिसर के
अंदर आने की अनुमति तो दे दी लेकिन
ग्रामीणों से वार्ता फिर भी नहीं की|