चंपावत। उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने अनुसूचित जनजाति की महिला ग्राम प्रधान का न सिर्फ अपमान किया, बल्कि महिला ग्राम प्रधान के सम्मान को भी ठेस पहुंचाई है। ग्राम प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने 6 से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ बनबसा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि बीते दिनों चंपावत जिले के बनबसा क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे। इस बाढ़ से इलाके के कई गांव प्रभावित हुए थे, जिसमें से एक गांव गुदमी भी था। बाढ़ के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इलाके का हवाई दौरा किया था। इसके बाद सीएम धामी ने टनकपुर में बाढ़ पीड़ितों की समस्या भी सुनी थी। हालांकि, सीएम धामी से गुदमी गांव के लोग नहीं मिल पाए थे, जिस कारण उनमें आक्रोश था। इसलिए लोगों ने ग्राम प्रधान विनीता राणा के खिलाफ काफी नाराजगी थी।
सीएम धामी के दौरे के अगले दिन यानी 10 जुलाई को प्रशासन की टीम के साथ ग्राम प्रधान गांव में राहत सामग्री बांटने गई थी, तभी ग्रामीणों का गुस्सा ग्राम प्रधान पर फूट पड़ा। उन्होंने बेहद गलत तरीके से महिला ग्राम प्रधान को आपमानित किया। आरोप है कि ग्रामीणों ने महिला ग्राम प्रधान को जातिसूचक शब्द भी कहे।
ग्राम प्रधान ने इस मामले में गुरुवार 11 जुलाई को बनबसा थाने में नामजद तहरीर दी है। ग्राम प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी चंपावत अजय गणपति ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीओ शिवराज सिंह राणा को मामले की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।
बनबसा थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जगवाण ने बताया कि पुलिस ने हेमा खड़ायत, लीला दिगारी, जानकी कलौनी, निर्मला दिगारी, रोहित जेम्स, पिंकी जेम्स, संजीत सिंह, दिनेश कलौनी, निखिल जेम्स तथा अन्य के धारा 115/351/352/192 भारतीय न्याय संहिता एवं धारा 3(1) (डी) (एम) (आर) (एस) अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है।