उत्तरकाशी जिला मुख्यालय को गंगा पार के इलाकों से जोड़ने वाला जोशियाड़ा पुल वर्षो से जर्जर हालत में है । नया पुल तो स्वीकृत है पर बजट स्वीकृत नही हुआ।
वही तिलोथ पुल पर बजट तो स्वीकृत है पर निर्माण कार्य रूका पड़ा है। अब न तो ये मोटर पुल रह गया और न पैदल पुल। इसके एक तरफ संकरे मार्ग से बाइक सवार, पैदल और खच्चर सब एक साथ चल रहे है।
स्कूल आने जाने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले इस पुल में मासूम स्कूली छात्रों के साथ कभी भी हादसा हो सकता है।
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ऐसे में कभी कोई हादसा हुआ तो गंगा पार जाने की राह मुश्किल हो जाएगी। वर्ष 2012 की बाढ़ की आपदा के बाद जोशियाड़ा में नया पुल स्वीकृत तो हुआ किन्तु लगता है बजट आवंटन के लिए किसी दूसरे हादसे का ही इंतजार हो रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञान चंद रामोल ने बताया कि 60 के दसक के जोशियाड़ा पुल पर अभी भी जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
स्थानीय निवासी विकास भट्ट ने बताया कि तिलोथ पुल का काम रुकने से आवाजाही कक दिक्कते हो रही है ऐसे में एक बार फिर से आंदोलन की जरूरत महसूस की जा रही है।
बीजेपी के नेता लोकेंद्र बिष्ट ने स्वीकार किया कि हादसा होने अथवा आपदा आने का ही शासन और प्रशासन इंतजार कर रहा है।
एसडीएम भटवाडी देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि तिलोथ पुल पर ठेकेदार आर्बिट्रेशन में चला गया है जबकि जोशियाड़ा पुल पर अभी बजट स्वीकृत नही हुआ है हालांकि इसकी डीपीआर भेजी जा चुकी है।
