Meru Raibar विशेष रिपोर्ट
गांव की सरकार: ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और ग्राम प्रधान की भूमिका क्या होती है?
📍 उत्तराखंड के हर गांव की तरक्की की असली चाबी गाँव की सरकार के पास होती है — यानी ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और ग्राम प्रधान के हाथ में। लेकिन क्या हम सभी जानते हैं कि इन तीनों की भूमिका, अधिकार और जिम्मेदारियाँ क्या हैं? आइए समझते हैं विस्तार से।
🏛️ त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था क्या है?
उत्तराखंड समेत पूरे भारत में ग्रामीण शासन प्रणाली को तीन स्तरों में बाँटा गया है:
- ग्राम स्तर: ग्राम सभा और ग्राम पंचायत
- ब्लॉक स्तर: क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक पंचायत)
- जनपद स्तर: जिला पंचायत
यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसे 73वें संविधान संशोधन के तहत लागू किया गया।
🧩 ग्राम सभा बनाम ग्राम पंचायत – क्या अंतर है?
| 🔹 ग्राम सभा | 🔹 ग्राम पंचायत |
|---|---|
| गाँव के सभी वयस्क नागरिक (18 वर्ष+) इसके सदस्य होते हैं | ग्राम सभा द्वारा चुनी गई प्रतिनिधि संस्था होती है |
| यह सर्वोच्च निकाय होती है जो पंचायत के कार्यों की समीक्षा करती है | यह कार्यकारी निकाय है जो योजनाओं को लागू करती है |
| वार्षिक योजनाओं, बजट और विकास कार्यों की मंजूरी देती है | सड़क, पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि के विकास कार्य करती है |
| ग्राम प्रधान को जवाबदेह बनाती है | ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में कार्य करती है |
🧑⚖️ ग्राम प्रधान: गांव की चुनी हुई सरकार का नेतृत्वकर्ता
ग्राम पंचायत का नेतृत्व करता है — ग्राम प्रधान, जिसे सीधे चुनाव में गाँव के लोग चुनते हैं।
🗳️ ग्राम प्रधान का चुनाव और गठन:
- चुनाव हर 5 साल में होता है
- ग्राम पंचायत क्षेत्र के सभी मतदाता ग्राम प्रधान चुनते हैं
- ग्राम प्रधान के साथ पंच भी चुने जाते हैं, जो वार्डों का प्रतिनिधित्व करते हैं

🎯 ग्राम प्रधान की मुख्य जिम्मेदारियाँ और अधिकार:
- विकास कार्यों का क्रियान्वयन:
- सड़कों की मरम्मत, जलापूर्ति, सार्वजनिक शौचालय, नाली निर्माण आदि
- सरकारी योजनाओं का संचालन:
- मनरेगा, पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, वृद्धावस्था पेंशन
- स्वास्थ्य और स्वच्छता:
- टीकाकरण, साफ-सफाई, जलजनित रोगों की रोकथाम
- शिक्षा को बढ़ावा देना:
- स्कूलों की मरम्मत, बच्चों के नामांकन को बढ़ावा देना
- न्याय पंचायत के साथ सहयोग:
- ग्राम स्तर के छोटे विवादों को सुलझाने में भूमिका
- ग्राम सभा की बैठकें आयोजित करना:
- ग्राम सभा की कम से कम 2 बार बैठक करवाना अनिवार्य होता है
📌 क्या होते हैं ग्राम सभा के अधिकार?
- ग्राम पंचायत की गतिविधियों की निगरानी
- बजट और व्यय की मंजूरी
- योजनाओं की प्राथमिकता तय करना
- भ्रष्टाचार या लापरवाही की शिकायत
👉 ग्राम सभा असल में “गांव की संसद” होती है, जिसकी मंजूरी के बिना कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया जा सकता।
🛑 अगर ग्राम प्रधान लापरवाही करे तो?
- ग्राम सभा उसे जवाबदेह बना सकती है
- जिलाधिकारी को शिकायत भेजी जा सकती है
- गंभीर मामलों में ग्राम प्रधान को निलंबित या पद से हटाया जा सकता है
🌱 ग्राम प्रधान की सही भूमिका से कैसे बदलता है गाँव?
- जब प्रधान ईमानदार, सक्रिय और पारदर्शी होता है, तो गांव में सड़कें बनती हैं, नालियां साफ होती हैं, रोजगार मिलता है, और युवाओं को अवसर मिलते हैं।
📌 इसलिए सिर्फ चुनाव के दिन ही नहीं, पूरे 5 साल ग्राम सभा को सक्रिय रहना चाहिए।
🗣️ Meru Raibar का संदेश:
“गाँव की सरकार, आपके दरवाज़े पर — जानिए, जागरूक बनिए और अपने अधिकारों का प्रयोग कर अपने गांव को बनाइए आत्मनिर्भर और समृद्ध।”
