जलप्रलय की दहशत, जज़्बे की जीत!
डाकपत्थर की यमुना नदी… और उसके बीच एक टापू, चारों ओर उफनती लहरें, मौत की परछाई…
लेकिन ठीक उसी वक्त दून पुलिस ने दिखाया हौसला, और 11 जिंदगियों को यमराज के पंजों से खींच लाया बाहर!

देखते ही देखते बढ़ गया पानी… चीखते-चिल्लाते मजदूर
सुबह सबकुछ सामान्य था। मजदूरी करने गए 11 लोग अचानक यमुना नदी के बीच बने टापू में फंस गए।
पानी का स्तर बढ़ा तो चारों तरफ सिर्फ खौफ ही खौफ था।
“हम लोग मजदूरी के लिए गए थे। अचानक पानी बढ़ गया। चारों तरफ पानी ही पानी था… मरने का डर लग रहा था।”
— कालीचरण, रेस्क्यू किए गए मजदूर
दमदार एक्शन – मौके पर दौड़ी दून पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस
स्थानीय लोगों ने डाकपत्थर चौकी को खबर दी। और फिर… शुरू हुआ जिंदगी बचाने का रेस्क्यू मिशन!
कोतवाली विकासनगर की पुलिस टीम, एसडीआरएफ और जल पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे।
रेस्क्यू उपकरणों से लैस पुलिस टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद 7 पुरुष और 4 महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला।
हर आंख में डर… हर दिल में शुक्रिया
“हम सब सोच रहे थे कि अब कोई उम्मीद नहीं बची। पर पुलिस ने हमें बचा लिया। पुलिस सच में देवता जैसी लगी।”
— चंद्रावती, रेस्क्यू की गई महिला
रेस्क्यू किए गए सभी लोग डुमेट, कोतवाली विकासनगर, जिला देहरादून के रहने वाले हैं।
- कालीचरण पुत्र ठाकुर
- अजीत कुमार पुत्र सतवीर
- बिट्टू पुत्र ठाकुर
- विक्की पुत्र भोपाल सिंह
- अशोक पुत्र राजा
- सूर्य पुत्र गामू सिंह
- जगबीर पुत्र कलवा
- हेमलता पत्नी अजीत
- नीरज पत्नी बिट्टू
- चंद्रावती पत्नी जगबीर
- कल्पना पत्नी कालीचरण
“हम हैं तैयार!” – दून पुलिस का सख्त संदेश
दून पुलिस का कहना है:
“आमजन की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। चाहे पानी हो या आग, हम हर खतरे से लड़ने को तैयार हैं।”
जनता की सोच – कुदरत के सामने इंसान कितना बेबस?
ये हादसा एक सवाल छोड़ गया है — क्या हम कुदरत के कहर के लिए वाकई तैयार हैं?
यमुना की लहरें भले उफनी हों, पर दून पुलिस ने साबित किया — हिम्मत हो तो कोई मुश्किल बड़ी नहीं!
