कॉंग्रेस मुख्यालय मे अंतिम दर्शन के बाद झलूस की शक्ल मे निकलेगी नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हरिदेश की अंतिम यात्रा

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उत्तराखंड प्रदेश मे  प्रतिपक्ष की नेता श्रीमती इंदिरा हिरदेश की शव यात्रा दिल्ली से हल्द्वानी रवाना

उत्तराखंड की विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश का आज सुबह निधन हो गया ।

लगभग 5 घंटे के बाद उनकी शव यात्रा दिल्ली से हल्द्वानी के लिए रवाना हो गई |

उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप में जानकारी देते हुए बताया कि इससे पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल कांग्रेस के केंद्रीय प्रभारी देवेंद्र यादव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस के उत्तराखंड के अध्यक्ष प्रीतम सिंह उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप और महेंद्र सिंह पाल और आरेंद्र शर्मा महासचिव विजय सारस्वत आईटी सेल के अध्यक्ष शिल्पी अरोड़ा राज्य कांग्रेस के सह प्रभारी राजेश धर्मानी और दीपा पांडे सिंह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय व श्रीमती इंदिरा हरदेश के सुपुत्र सुमित हितेश ने स्वर्गीय हृदेश को पुष्पांजलि अर्पित की और इंदिरा हृदयेश अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा इंदिरा हृदयेश जी तुम्हारा नाम रहेगा आदि नारों के साथ शव यात्रा को हल्द्वानी के लिए करीब 3:00 बजे विदा कर दिया गया । धीरेंद्र  प्रतापने बताया कि आज रात श्रीमती हिरदेश के शव को उनके  हल्द्वानी में सिविल लाइन स्थित आवास पर रखा जाएगा , और कल सुबह राज्य कांग्रेस मुख्यालय स्वराज भवन में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी । बाद में एक जुलूस के रूप में उनकी शव यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचेगी ।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह कांग्रेस के केंद्रीय प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश कांग्रेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने श्रीमती इंदिरा हिरदेश के निधन को राज्य कांग्रेस के लिए और प्रदेश की जनता के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा है कि उनके निधन से राज्य ने अपना एक श्रेष्ठतम नेता खो दिया है। इन नेताओं ने इंदिरा हरदेश को एक शानदार प्रशासक एक कुशल वक्ता और जुझारू क्षमता का महान नेता बताते हुए कहा है कि उत्तराखंड के नवनिर्माण में उनकी भूमिका को सदैव याद रखा जाए गा। रामपुर की बेगम नूर बानो ने भी स्वर्गीय इंदिरा देश के शव  पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपना अभिन्न मित्र बताते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ।

शव यात्रा की रवानगी से पूर्व  कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह सिंह केंद्रीय प्रभारी देवेंद्र यादव पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने दिवंगत नेता के शव पर सम्मान स्वरूप चादर चढ़ाई।

धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने  डॉ इंदिरा  के पुत्र सुमित हृदेयंश से फोन पर बात कर संवेदना व्यक्त की है।

गुजर गयी धीरेंद्र प्रताप की मौसी – 12 जून को माँ को तो 13 जून को मौसी को खोया

उत्तराखंड की प्रतिपक्ष की नेता डॉक्टर इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप इंदिरा मौसी के नाम से पुकारा करते थे ।

दरसल स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा हृदयेश धीरेंद्र प्रताप की स्वर्गीय माता श्रीमती सुमन लता भदोला जो उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की प्रथम महिला जेल यात्री थी और उत्तर प्रदेश के कई  निगमों व परिषदों  में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर पदासीन रही थी ।दोनों एक दूसरे को सगी बहनों की तरह प्यार करती थी ।यही कारण था कि धीरेंद्र प्रताप श्रीमती इंदिरा हृदयेश को इंदिरा मौसी कहा करते थे । दोनों परिवारों के बीच करीब 40 वर्ष पुराने रिश्ते थे।

मौसी के साथ बिताए पलो को याद करते हुए खामोश दिखाई दिये धीरेंद्र प्रताप

आज जब स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा हृदयेश  का अचानक निधन हुआ तो तमाम कांग्रेस के नेता जिन में मुख्यमंत्री हरीश रावत पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय विजय सारस्वत समेत तमाम बड़े नेता शामिल थे धीरेंद्र प्रताप को सांत्वना देते हुए यह कहते हुए दिखाई दिए धीरेंद्र प्रताप की तो मौसी गुजर गई।

कल 12 जून  को ही धीरेंद्र प्रताप ने करीब 15 वर्ष पूर्व अपनी मां सुमन लता भदोला को खोया था व कल  उनकी पुण्यतिथि का स्मरण कर रहे थे जबकि आज सिर्फ 1 दिन बाद यानी 13 जून को उन्हें अपनी प्रिय इंदिरा मौसी के वियोग  को सहना पड़ा।

 अपनी मौसी के शोक में ग्रस्त धीरेंद्र प्रताप पत्थर की तरह खामोश बने हुए थे ।जिसने भी यह  दृश्य देखा ।सबकी आंखों में आंसू थे ।ज्ञात रहे श्रीमती इंदिरा हिरदेश की मेहमान वाजी की भावना को आज सभी लोगों ने याद किया। कल देर रात तक कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व अन्य नेताओं की अपने कमरा नंबर 303 में भोजन के अवसर पर बहुत ही प्रेम से और आत्मीयता से अगवानी के लिए याद किया जाता  रहा था। कल ही उन्होंने घोषणा की थी फिर से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। परंतु विधाता को शायद यह मंजूर नहीं था।

इससे भी ज्यादा दुख की बात यह रही कि कल 12 जून  को ही धीरेंद्र प्रताप ने करीब 15 वर्ष पूर्व अपनी मां सुमन लता भदोला को खोया था व कल  उनकी पुण्यतिथि का स्मरण कर रहे थे जबकि आज सिर्फ 1 दिन बाद यानी 13 जून को उन्हें अपनी प्रिय इंदिरा मौसी के वियोग  को सहना पड़ा। ईश्वर की अपने लीला है। उनके चलते हुए चक्र में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।

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