विजय पाल और विजय बहुगुणा मे कोल्ड वार?
गंगोत्री मे विजय जरूरी है । सवाल ये है कि विजय के साथ आगे क्या जुड़ेगा ? पाल या बहुगुणा ? जाहीर है कि टिहरी लोक सभा से सांसद रह चुके विजय बहुगुणा को हर विधान सभा मे अपने सेना पति तैनात करने है । खासकर गंगोत्री मे उनका साथ छोड़ चुके विजयपाल सजवान के विकल्प को थोक बजकर देखन भी बेहद जरूरी है ।
कहते है गंगोत्री सरकार बनती है । अविभाजित उत्तरप्रदेश के समय से ही ये चला आ रहा है कि गंगोत्री से जीतने वाले दल कि ही प्रदेश मे सरकार बनती है । गंगोत्री विधान सभा मे कॉंग्रेस के नेता विजयपाल सजवान के राजनैतिक गुरु विजय बहुगुणा काँग्रेस के एक बड़े धडे को लेकर बीजेपी मे सामिल हो चुके हैं । सूत्र बताते है कि विजयपाल सजवान ने भी उस वक्त अपना इस्तीफा लिख कर दे दिया था किन्तु रातो- रात अपना इरादा बदल कर काँग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए पूरी घटना की पोल हरीश रावत के सामने खोल दी। इस घटना के बाद से गुरु- चेले अलग अलग दल मे चले गए । उस वक्त चुनाव प्रचार से समय विजय बहुगुणा ने मंच से घोषणा की थी की सरकार बनते ही वे सबसे पहले नए सीएम को उत्तरकाशी लेकर आएंगे और शिव मंदिर दर्शन के बाद चुनावी वादे पूरा कराएंगे , साथ ही बंद पड़ी जल विद्धुत परियोजनाओ की क्षमता कम करते हुए, इन्हे फिर से सुरू किया जाएगा । बयान देकर बहुगुणा उत्तराखंड की राजनीति से ही गायब हो गए । काँग्रेस से बीजेपी मे सामिल सभी लोगो सत्ता की मलाई खाते दिखे जबकि विजय बहुगुणा कही दिखाई नहीं दिये। विधान सभा चुनाव 2022 मे गंगोत्री से सुरेश चौहान को अपना अंगद बनाकर विजय बहुगुणा एक बार फिर अपना बैट लेकर छक्का छक्का लगाने मैदान मे आ गए । गंगोत्री से पूर्व विधायक सजवान के 10 करोड़ का प्रलोभन देने के आरोप के जबाब मे विजय बहुगुणा के सजवान के हाथ का इस्तीफा दिखाते हुए बताया कि रातो रात सजवान पलट गए तो कितना मिला? ये तो वही बता सकते है । बहुगुणा के बयान पर काँग्रेस ने सीधे प्रतिकृया देने की बजाय विजय बहुगुणा के पुराने बयान को ही आगे सरका दिया ।