अनशनरत साधू को अनदेखा कर रही है सरकार।
ध्यान रहे साधू का क़द सरकार से ऊँचा होता है।
*बनारस में गंगा के सवाल पर मतदान*
अंकित तिवारी
मातृसदन के बाबा नागनाथ जी, स्वामी निगमानंद जी, प्रोफेसर जी. डी अग्रवाल (स्वामी सानंद जी), संत गोपाल दास जी और संत आत्मबोधानंद जी का अविरल गंगा के सवाल पर सत्याग्रह, संघर्ष और त्याग का साथ देना एक तार्किक और भावनात्मक बाध्यता है।
कंपनियों के गुमनाम चंदे ने सियासी दलों के जुबान पर गंगा के मूल सवाल पर ताला लगा दिया है। मुनाफाखोरों और गंगा के बीच के द्वन्द में सरकारों ने और सियासी दलों ने मुनाफाखोरों का साथ देना चुन लिया है। गंगा घाटी क्षेत्र में 239 लोक सभा क्षेत्र है, इस क्षेत्र की जनता को गंगा के सवाल को दरकिनार कर अन्य मुद्दों में उलझा कर गुमराह किया जा रहा है। बनारस के लोगों को इस चुनाव को समूचे गंगा के वजूद के सवाल पर फैसला सुनाना है। गुमराह करनेवालों को यादगार सबक देना है।
अविरल गंगा की मांग पर कोई गंगा विरोधी सियासी सौदेबाज़ी गंगा और गंगा घाटी क्षेत्र के लोगों के साथ धोखा होगा। नदी जोड़ परियोजना और गंगा जल मार्ग परियोजना भी गंगा विरोधी है।