देहरादून। उत्तराखंड में कैबिनेट की बैठकों के लिए ई-कैबिनेट प्रणाली लागू हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ई-कैबिनेट प्रणाली की शुरुआत की। ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, लेस पेपर व्यवस्था को प्रोत्साहित करना और संस्थागत मैमोरी को विकसित करना है। इसके प्रयोग से जहां पर्यावरण मित्र के माध्यम से कागज की बचत होगी। वहीं, संस्थागत मैमोरी द्वारा पूर्व की कैबिनेट जानकारी को प्राप्त करना भी आसान होगा।
गिरीश गैरोला
ई-कैबिनेट, ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। गन्ना समर्थन मूल्य को मंजूरी दी गई है। भविष्य में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में कागज की जगह अब ऑनलाइन प्रस्ताव बनकर जाएगा। गोपन विभाग ने ई-कैबिनेट के लिए पोर्टल तैयार कर दिया है। बैठक से संबंधित सामान्य सूचनाएं, स्थान और समय पोर्टल, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से मंत्रिमंडल को अवगत करवाया जाएगा। प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों का ई-अकाउंट होगा। इस पर सभी की लॉगइन आइडी तैयार की गई है। बैठक का कार्यवृत्त और निर्णयों को ऑनलाइन अपलोड और जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की टिप्पणियों की केवल दो प्रतियां गोपन विभाग के लिए जारी होंगी, जबकि विभागों को डिजिटल स्वीकृतियां मिलेंगी।
गंगा गाय महिला डेयरी का लाभ कॉपरेटिव के सभी सदस्यों को मिलेगा, महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। राजकीय महाविद्यालय में खाली पड़े प्रवक्ता के पदों पर एक साल के लिए अनुबंध के तहत भरने पर लगी मुहर, पद भरने का अधिकार प्राचार्य को दिया गया है। केदारपुरी में आपदा प्रभावितों के लिए राज्य सरकार भवन बनाएगी, पहले सीसीआर से भवन निर्माण को सरकार ने दी थी मंजूरी। मानसरोवर यात्रा के लिए उत्तराखंडवासियों को 25 हजार की जगह 50 हजार का अनुदान मिलेगा। गन्ने के समर्थन मूल्य को कैबिनेट ने दी मंजूरी दे दी है।