मशीनें उतरी नदी में, लेकिन नही हुआ सीमांकन।
ग्रामीणों में रोष।
सुभाष पिमोली थराली/चमोली
13 मार्च को थराली में आवंटित तीन रीवर ट्रेनिंग के पट्टे आधार मूल्य से क्रमशः 5 गुना ,7 गुना ,और सबसे अधिक 20 गुना महंगे तक बिके ,ऐसे में इन पट्टो के आसपास की कृषि भूमि मालिको को भी इतने महंगे बिके पट्टो की आड़ में खनन चोरी का डर सताने लगा है ,कुलसारी में प्रस्तावित रिवर ट्रेनिंग का विरोध स्थानीय निवासियों ने करना शुरू कर दिया है।
शासन द्वारा बनाई गई रीवर ट्रेनिंग नीति मे स्पष्ट लिखा गया है कि नीलामी के बाद पट्टो में सीमांकन के बाद ही वह स्थान पट्टा धारको को खनन करने के लिए सुपुर्द किया जाएगा । लेकिन कुलसारी के मल्लाबगड़ स्थित खनन पट्टे में पट्टा धारको ने सीमांकन से पहले ही प्रशासन द्वारा सीमांकित क्षेत्र उन्हें सौंपे जाने से पहले ही यहां बड़ी बड़ी पौकलैंड मशीनों द्वारा खनन कार्य शुरू कर दिया है ।
जबकि कुलसारी के ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में 18 मार्च को ही उप जिलाधिकारी के माध्यम से एक पत्र जिलाधिकारी को प्रेषित किया था, जिसमें उक्त स्थान पर रिवर ट्रेनिंग से ग्रामीणों की कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचने की आशंका व्यक्त की थी,ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने थराली के उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी से भेंट कर वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए उन्हें पूर्व 1 साल पहले का एक चित्र एवं वर्तमान का एक चित्र भी उन्हें दिया था, जिसमें कहा गया था कि 1 साल पूर्व उक्त स्थान पर नदी के बीचों-बीच बड़ी मात्रा मे मलवा एवं आरबीएम था । 6 माह पूर्व ही जिला प्रशासन ने उक्त स्थान पर रिवर ट्रेनिंग के माध्यम से आरबीएम मलवा साफ करवा दिया था, पिछले वर्ष बरसात कम होने के चलते उस स्थान पर आरबीएम या मलवा जमा न होने की बात कही थी। जनप्रतिनिधियों ने उपजिलाधिकारी को उक्त स्थान के वर्तमान पिछली रीवर ट्रेनिंग शुरू होने से पहले के छायाचित्र भी दिए थे। जिसके आधार पर कहा गया था कि अब उस स्थान पर आरबीएम मलवा नहीं है।अब जिला प्रशासन ने इस स्थान पर रिवर ट्रेनिंग प्रस्तावित किया है जिसपर नीलामी के बाद मशीनें तक भी नियम कानूनों को दरकिनार कर नदी में उतर गई है । ग्रामीणों का कहना है कि यदि उक्त स्थान पर पुनः मलवा निकाला जाता है तो ग्रामीणों की कृषि योग्य भूमि एवं आवासीय क्षेत्र को भी नदी के कटाव से नुकसान होने का डर सताने लगा है, ऐसे में ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी थराली से पट्टे को निरस्त करने की मांग उठाई थी ग्रामीणों का कहना है कि कि आवंटित पट्टे में निर्धारित rbm की मात्रा का निर्धारण कर पट्टे का सीमांकन किया जाए ,ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि उक्त जगह पर rbm की जितनी मात्रा दर्शायी गयी है उतनी मात्रा में rbm उस स्थान पर नही है इसलिए खनन सामग्री चोरी का भय लगातार बना हुआ है जिससे काश्तकारों की कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंच सकता है ऐसे में चिन्हित भूमि का सीमांकन आवश्यक है ,जिस पर उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि चिन्हित क्षेत्र से rbm निकासी करने से पहले ही निर्धारित मात्रा और क्षेत्र का सीमांकन कराया जाएगा ,बावजूद इसके rbm निकासी के लिए पौकलैंड मशीनें नदी में उतरी हैं जबकि प्रशासन अभी तक आवंटित पट्टे का सीमांकन तक नही करा पाया है ।
उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी उक्त स्थल से rbm निकासी नही हुई है। इसका जल्द ही सीमांकन किया जाएगा जिसके पश्चात ही सीमांकित स्थान से पट्टा धारको को खनन कार्य करने दिया जाएगा।