अब तक आपने महिला उत्पीड़न और महिला आयोग की ही खबरे पढ़ी और देखी होंगी , अब पुरुषों की भी न सिर्फ सुनी जाएगी बल्कि उन्हें कानूनी रूप से जागरूक भी किया जाएगा। ज्यादातर मामलों में इस कानून को धार बनाकर इसका गलत इस्तेमाल की सूचना मिल रही थी जिसके चलते जाने अनजाने के जो पुरुष इसमें घिर जाते थे उनको कानून का डर दिखाकर ब्लैक मेल किया जाता था और कई बार पुरूष आत्महत्या जैसे कदम उठाने को विवश हो जाते थे ऐसे मामलों को देखने के लिए संस्था ने प्रयास सुरु कर दिए है।
अंकित तिवारी।

मेन वेलफेयर ट्रस्ट और सेव फॅमिली फाउंडेशन जो कि सेव इंडियन फॅमिली मूवमेंट के अंतर्गत गैर सरकारी संस्था और दिल्ली में काम कर रही हैं। इस संस्था का उदेश्य पुरुषों कि मदद करना है। पुरुषों के खिलाफ लिंग पक्षपाती कानूनों के दुरूपयोग द्वारा हो रहे अत्याचार के खिलाफ ये गैर सरकारी संस्था बहुत सारे कदम उठा रही है। इस संस्था के बहुत सारे कार्यों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य पुरुषों को कानूनी प्रक्रिया और विभिन विभिन कानूनी धाराओं के बारे में अवगत करना है ताकि वो कानूनों के दुरूपयोग के खिलाफ आछे से लड़ सकें।

३ ऑगस्त २०१९ को में वेलफेयर ट्रस्ट और सेव फॅमिली फाउंडेशन के इसी विषयों के ऊपर एक लीगल अवेयरनेस सेमिनार का आयोजन किया जोसमें ३०० से अधिक पुरुषों और उनके परिजनो के भाग लिया। इस सेमीनार में धारा 498A , 125 , domestic Violence , Rape , Sexual Harassment at work place आदि के ऊपर खुली चर्चा हुई।

कानूनों के दुरूपयोग के कारन लाखों पुरुष सुसाइड कर लेते हैं और उनकी फॅमिली बर्बाद हो जाती हैं। रोज़ मर्रा
ज़िन्दगी इसी दुरूपयोग कि वजह से मानसिक तनाव से गुजरते हैं। इस संस्था ने पुरुषों कि सेहत के ऊपर भारी चिंता जताई और एक स्पेशल सेशन का आयोजन किया जिसमें डॉ आशीष बावा ने सेमिनार में आये लोगों को मानसिक परेशानिओं से अवगत कराया और ये भी बताया कि इस तरह के हालातों से कैसे झूझना हैं और इनसे कैसे बहार निकलना हैं । इस सेशन कि भारी सराहन कि गयी । में वेलफेयर ट्रस्ट के वालंटियर्स ने एक रोल प्ले भी किया जिसमें उन्होंने दर्शाया कि किस तरह से वीमेन सेल और CAW का सामना करते हुआ किन बातों का धयान रखना हैं। पूरा दिन चलने वाले सेमिनार से हज़ारों लोगों ने फायदा उठाया। ये संस्था एक नेशनल लेवल पुरुष हेल्पलाइन 8882 498 498 भी चला रही हैं। ये हेल्पलाइन 24 घंटे चलती हैं और इस संस्था के कार्यकर्ता ही इसे चला रहे हैं जो कि हर महीने 6000 कॉल्स अटेंड करते हैं।
