सत्ता का दर्द – आपरेशन से निकलेगा सुविधा नाम का बच्चा

Share Now
प्रसव पीड़ा में अस्पताल,
आपरेशन की तैयारी में जनता
रेफर सेंटर बना जिला अस्पताल।
सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता ही हो रहे पीड़ित।
अपने दल की बात नही सुनते सीएम ?
गिरीश गैरोला
चीन सीमा से लगा सीमांत उत्तरकाशी जिला अस्पताल वर्षो से स्वास्थ्य सेवाओं की कमी झेल रहा है। बीजेपी और कांग्रेश दोनो राजनैतिक दल बारी बारी सत्ता सुख तो लेते है किंतु स्वास्थ्य सेवाओं में कमी के लिए विपक्ष में होने पर ही हंगामा करते है। किंतु इस बार परिस्थितियां बदली हुई सी लग रही है। खुद भाजपा के नेता ही बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से पीड़ित है।
बीजेपी नेता लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनके बड़े भाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था किंतु उन्हें तत्काल हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी गयी किन्तु लंबी सड़क दूरी के चलते और समय पर इलाज नही मिलने से उनको नही बचाया जा सका इतना ही नही उन्होंने आगे बताया कि खुद गंगोत्री विधायक गोपाल रावत की माता जी को भी तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया था और उन्हें भी इसी तर्ज पर हायर सेंटर   रेफर करना पड़ा , दुर्भाग्य से उनकी जान भी नही बचाई जा सकी।
सत्तारूढ़ भाजपा के नेता लोकेंद्र ने बताया कि उत्तरकाशी को मिले 4 नए डॉक्टर वापस चले गए है। इतना ही नही जाने माने सर्जन अश्वनी कुमार चौबे को भी ट्रांसफर पर भेज दिया गया। जिसके लिए गंगोत्री विधायक के साथ खुद उन्होंने भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से उनके प्रतिस्थानी के आने तक रिलीव न करने की बात कही थी किन्तु अब उन्हें भी रिलीव कर दिया गया जबकि उत्तरकाशी के हिस्से में कोई भी नया डॉक्टर नही मिला।
Dr चौबे लंबे समय से उत्तरकाशी में अपनी सेवा दे रहे थे  और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्होंने खुद अपने ट्रांसफर की मांग की थी किन्तु उत्तरकाशी के कोटे में अन्य कोई डॉक्टर भी नही भेजा गया।
राहत की बात ये है कि Dr चौबे के स्थान पर उत्तरकाशी जिला अस्पताल में dr वरिष्ठ सर्जन सुरेंद्र सकलानी काम कर रहे है किंतु दूरबीन से सफल आपरेशन के लिए जिस ट्रेंड नर्स को उत्तरकाशी ट्रांसफर किया गया है वो भी अपना ट्रांसफर रोकने की जुगाड़ में लगी बताई जा रही है। अब dr सुरेंद्र सकलानी वरिष्ठ सर्जन जब तक रहेंगे किसी तरह काम चल ही जाएगा किन्तु इस दौरान दूरबीन आपरेशन  में भी स्टाफ ट्रेंड हो जाता तो इसका फायदा भविष्य में उत्तरकाशी जिले को ही मिलने वाला था किंतु चिकित्सको के तबादले की नीति को समझ पाना काफी मुश्किल है क्योंकि उत्तरकाशी में अपनी इच्छा से काम कर रहे फिजिसियन dr रौतेला को जबरन तबादला कर दिया गया और उनके बदले dr ध्यानी को जबरन उत्तरकाशी भेजा, परिणाम ये हुआ कि उत्तरकाशी के हिस्से में न रौतेला रहे न ही ध्यानी। ऐसा नही है कि तब प्रतिस्थानी आने तक रिलीव न करने कज बात न हुई हो किन्तु राजभवन से जुगाड़ के चलते उनको भेजने की मजबूरी ही गयी।
गंगोत्री विधायक गोपाल रावत जिला अस्पताल की तस्वीर बदलने की बात करते है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी में आईसीयू तैयार किया जा रहा है साथ ही प्राइवेट वार्ड भी तैयार किया जा रहा है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से वातानुकूलित वार्ड बनाया गया है।
सवाल ये है कि बीमारी में जांच की सुरुवात फिजिसियन से ही सुरु होती है जब वही अस्पताल में नही है तो आईसीयू और प्राइवेट वार्ड में भर्ती कौन होगा।
सत्ता में बैठी बीजेपी के ही नेता से इस जटिल समस्या की पीड़ा और समाधान पर ये वीडियो आप भी गौर से जरूर देखे।

https://youtu.be/hEGERmpLovg

error: Content is protected !!