नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ एकजुटता रैली
नर्मदा घाटी में अवैध डूब का विरोध
सुबह 10 बजे से, अगस्त 21, 2019 @जनतर मंतर, दिल्ली
नर्मदा घाटी में स्थिति गंभीर है। बाढ़ से जुड़े मामलों में दो लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है। गाँवों में पानी भरता जा रहा है। बिजली काटी जा रही है।
अंकित तिवारी

अधिकारी सरदार सरोवर बांध में 138.68 मीटर के पूर्ण जलाशय स्तर को भरने की ठान चुके हैं।
आज जल स्तर 133 मीटर है और पानी लोगों के घरों और खेतों तक पहुंच गया है, जब की वह जलमग्न स्तर के उपर हैं।
192 गाँवों और मप्र की एक बस्ती में 32,000 से कम परिवार नहीं हैं, और सतीपुर और विंध्य के पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों आदिवासी बस्तियां हैं। इन गाँवों में हजारों घर, उपजाऊ खेत, दुकानें, छोटे उद्योग, मछली पालन और मवेशी हैं, साथ ही मंदिर, मस्जिद और विभिन्न सांस्कृतिक स्मारक भी हैं, जिनमें लाखों पेड़ हैं।
2000, 2005 और 2007 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार पुनर्वास और नर्मदा ट्रिब्यूनल अवार्ड पूरा होने से बहुत दूर है। आदिवासियों और अन्य किसानों, मज़दूरों, मछुआरों और उनकी संपत्ति के समुदायों को जलमग्न करना अवैध, अन्यायपूर्ण और अनैतिक हैं।

इस मांग के साथ कि पूर्ण पुनर्वास के बिना कोई जलमग्नता नहीं होनी चाहिए और नर्मदा घाटी के सैकड़ों लोग नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण से मांग करने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। पूर्ण जलाशय को पूरी तरह से भरने की अनुमति तब तक नहीं दी जाए जब तक पूर्ण पुनर्वास पूरी तरह से पूरा ना हो जाए।

