सत्ता के लंबे हाथों ने दबोच ही लिया प्रमुख देवाल दानू का आंदोलन – स्क्रिप्ट का खुलासा करेंगे दर्शन दानू

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शराब की दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग न होने को लेकर धरने पर बैठे ब्लॉक प्रमुख देवाल दर्शन दानू और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद भले ही आंदोलनकारी लॉक डाउन के बाद फिर से शराब विरोधी आंदोलन शुरू करने की बात कह रहे हो, किन्तु शराब जैसे विषय पर समाज का दोहरा चेहरा और राजस्व वसूली की सरकारी मजबूरी साफ झलकती दिखाई दी, और एक बार फिर वही हुआ जो आजतक होता आया है। पूरे आंदोलन के दौरान पुलिस और तहसील प्रशासन की मौजूदगी में हाथों में कमीशन खोरी के नारे लिखी तख्ती लगाए लोगों की शिनाख्त न होने को लेकर प्रमुख दर्शन दानों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल आंदोलन को कुचलने के लिए सत्ता के अपने हथकंडे होते हैं जिसमें एक बार फिर वह वे कामयाब हुए हैं । बड़ा सवाल ये की गिरफ्तारी के दौरान हाथ में तख्तियां लिए लोग किसकी शह पर आंदोलनकारियों पर कमीशन खोरी का आरोप लगाकर उनका मॉरल डाउन करने की कोशिश कर रहे थे और मौके पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा रहे थे। वहीं सोशल डिस्टेंस वही कानून जिस पर आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ और अपना काम पूरा होते ही तख्ता धारी मौके से अंतर्ध्यान? क्या पुलिस के ही मोबाइल रिकॉर्डिंग में भी नहीं? सच कुछ नहीं?

गिरीश चंदोला थराली चामोली

देवाल विकासखण्ड में बाजार के बीच स्थित शराब की दुकान को बंद कराए जाने को लेकर ब्लॉक प्रमुख देवाल दर्शन दानू के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों के अनशन को पुलिस ने दूसरे दिन खत्म करवा दिया ,पुलिस ने बलपूर्वक आंदोलनकारियों को धरनास्थल से उठाकर गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस 11 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर थाना थराली लायी जहाँ से आंदोलनकारियों के खिलाफ लॉकडाउन के उलंघन के आरोप में महामारी अधिनियम धारा -188,269,270 और धारा 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम2005 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया

जिसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया था।

रिहाई के बाद देवाल पहुंचे आंदोलनकारियों ने शुक्रवार सुबह प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि उनके द्वारा लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकान को बंद करने के लिए ज्ञापन दिया गया जिसमें उन्होंने दुकान बंद न कराए जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी थी बावजूद इसके भी प्रशासन मूक बना रहा ,देवाल ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ जिस तरह बलपूर्वक जबरन उठाकर शराब की दुकानें खुलवाने के कार्य किया उससे साबित होता है कि शासन प्रशासन शराब व्यवसायियों के आगे नतमस्तक है ।

पत्रकार वार्ता करते हुए ब्लॉक प्रमुख देवाल ने कहा कि जिस जगह उनपर मुकदमे दर्ज किये गए वहीं सड़क पर हाथों में दफ़्ती लिए वो लोग कौन थे जो आंदोलनकारियों पर कमीशनबाजी का आरोप लगा रहे थे ,आखिर पुलिस के सामने उन प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई बावजूद इसके अभी तक प्रशासन हाथ मे दफ़्ती लिए उन लोगो की शिनाख्त नही कर सका है । ब्लॉक प्रमुख देवाल ने कहा कि तहसील प्रशासन और पुलिस का ये दोहरा रवैया केवल शराब विरोधी आंदोलन को कुचलने के लिए ही था जिसमे सामाजिक दूरी और ज्ञापन देने के बाद आंदोलन कर रहे अनशनकारियों पर मुकदमे दर्ज होते हैं और सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगो की पुलिस पहचान तक नही कर पाती।
,उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी शराब के विरुद्ध आंदोलन जारी रहेगा और प्रशासन ने शराब के जिस आंदोलन को कल देवाल में कुचलने के प्रयास किया अब वहीं आंदोलन एक जनांदोलन का रूप लेगा और देवाल की हर माता ,बहन बुजुर्ग,युवा इस ऐतिहासिक आंदोलन के भागीदार बनेंगे।

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