उत्तरकाशी – लॉक डाउन- कानून के डंडे से बेहतर है अपने अपनों की झिड़की- महिलाओं ने थामी कमान।

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विदेशों में भले ही कोरोना वायरस को लेकर लोग खौफ में जी रहे हो और आने वाली जिंदगी को लेकर सशंकित हो किंतु भारत में और खासकर उत्तराखंड में लोग अभी तक टिक टॉक वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर जोक्स बनाने में मस्त है। महिलाएं घरों में खाली समय का उपयोग कई तरह की डिशेस बनाने में कर रही हैं , लॉक डाउन के दौरान बाहर निकले युवाओं की पुलिस द्वारा पिटाई को भी जोक्स के रूप में देखा जा रहा है, इसका सीधा फायदा तो यह दिखाई देता है कि लोग मानसिक रूप से कोरोना से लड़ने में सक्षम है किंतु इसके साथ ही कोरोनावायरस को हल्के में लेना भी किसी बड़े खतरे से कम नहीं है । सरकारी कानून के डंडे के बजाय अपने अपनों से प्यार भरी झिड़की के साथ लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन हो जाए तो आईपीसी की धाराओं और आपदा प्रबंधन एक्ट की जरूरत ही न हो। इसके लिए ग्राम सभाओं में महिलाओं ने जिम्मेदारी थाम ली है।

ग्राम प्रधान क्यार्क श्रीमति सुनीता रावत ने बाहर से आये गांव के लोगो को लांकडाउन के दौरान सोसल डिस्टेन्स को लेकर अपनी बोली भाषा मे जरूरत समझाई।

भटवाडी/उत्तरकाशी …
रवि रावत *

विकासखण्ड भटवाडी के क्यार्क गांव में देहरादून से आये गांव के चार युवा जो पढाई के लिए देहरादून रहते है उन्हें 14 दिनों के लिए गांव के प्राथमिक बैसिक स्कूल में रखा गया है और ग्राम प्रधान श्रीमति सुनीता रावत के द्धारा उन्हें सेनिटाइजर, मास्क एवं नियमो के पालन करने की जानकारी दी और 14 दिन तक सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए विशेष निवेदन कर उनके परिवार जनों को भी उनसे उचित दूरी बनाये रखने के साथ बच्चों को होसला बनाये रखने को कहां।

उन्होंने कहा कि यह समय धैर्य बनाये रखने का है खुद की सुरक्षा के साथ अपनो और देश की सुरक्षा का भी हम सबको ख्याल रखना है इस मौके पर राजस्व उपनिरिक्षक शैलेन्द्र नाथ एवं अध्यापक विरेन्द्र नेगी,आशा कार्यकर्ती श्रीमति गीता राणा,आगनबाडी कार्यकर्ती श्रीमति हेमलता रावत एवं सामाजिक कार्यकर्ता राजवीर रावत व ग्राम प्रहरी दरवियान सिहं राणा आदि मौजूद रहे ।।

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